'और करो थिएटर' के साथ नटराज थियेटर फेस्टिवल का शुभारंभ
राजस्थान में पहली बार यह प्रस्तुति हुई
गोपाल दत्त का मानना है कि रंगकर्म एक साधना है जिसमें मुकाम हासिल करने के लिए बहुत संघर्ष, त्याग और समर्पण के साथ आगे बढ़ना पड़ता है।
जयपुर। जवाहर कला केन्द्र की ओर से आयोजित नटराज महोत्सव का शुक्रवार को शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर केन्द्र की अतिरिक्त महानिदेशक अलका मीणा, जेकेके की वरिष्ठ लेखा अधिकारी बिंदु भोभरिया, कंसल्टेंट प्रोग्रामिंग मैनेजर डॉ.चंद्रदीप हाड़ा सहित फेस्टिवल क्यूरेटर योगेन्द्र सिंह परमार, निर्देशक और अभिनेता गोपाल दत्त व अन्य कलाकार मौजूद रहे। महोत्सव के पहले दिन गोपाल दत्त के निर्देशन में 'और करो थिएटर' नामक प्रस्तुति हुई। यह प्रस्तुति एक संगीतमयी सफरनामा है। थिएटर प्रस्तुतियों में गाए जाने वाले गीतों को संजोकर गोपाल दत्त ने यह सुरीला गुलदस्ता तैयार किया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में पहली बार यह प्रस्तुति हुई है।
गोपाल दत्त का मानना है कि रंगकर्म एक साधना है जिसमें मुकाम हासिल करने के लिए बहुत संघर्ष, त्याग और समर्पण के साथ आगे बढ़ना पड़ता है। जीवन के अलग-अलग रंगों को व्यक्त करने वाले ऐसे ही 8 से 10 गीतों को गोपाल दत्त व साथी कलाकारों ने अपने अनोखे अंदाज में प्रस्तुत किया। साथी कलाकारों में शांतनु हेर लेकर और सिद्धार्थ पडियार शामिल रहे। शनिवार को शाम 7 बजे सौरभ नायर के निर्देशन में नाटक 'गोल्डन जुबली' का मंचन किया जाएगा।

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