पुरातत्व विभाग : प्रदेश का पहला ऐसा स्मारक, जहां दृष्टिबाधित भी समझ सकते हैं इतिहास 

हवामहल स्मारक में दृष्टिबाधित पर्यटकों के लिए ब्रेललिपि की सुविधा

पुरातत्व विभाग : प्रदेश का पहला ऐसा स्मारक, जहां दृष्टिबाधित भी समझ सकते हैं इतिहास 

हवामहल स्मारक प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार यहाँ साल 2018 में दृष्टिबाधित पर्यटकों के लिए ब्रेललिपि की सुविधा शुरू की गई थी। इसके बाद यहाँ सैकड़ों दृष्टिबाधित पर्यटक इतिहास की जानकारी ले चुके हैं।

जयपुर। प्रदेश में पुरातत्व विभाग  अधीन आने वाले स्मारकों, किलो और संग्रहालयों में पर्यटकों की अच्छी तादाद देखने को मिल रही है। पर्यटन विशेषज्ञों के अनुसार 7 जनवरी तक पर्यटकों की ऐसी भीड़ भाड़ देखने को मिलेगी। 

वही बुधवार को वर्ल्ड ब्रेल दिवस है। ऐसे में दैनिक नवज्योति अपने पाठकों को बता रहा है कि प्रदेश में पुरातत्व विभाग के अधीन आने स्मारकों और संग्रहालयों में केवल हवामहल स्मारक ऐसा पर्यटन स्थल है जहाँ दृष्टिबाधित पर्यटक ब्रेललिपि की सहायता से स्मारक के इतिहास की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए बाक़ायदा ब्रोशर भी बनवाए है। जिसकी सहायता से पर्यटक हवामहल का इतिहास जान सकते हैं।
 
224 साल पुराने स्मारक में 2017 से ये सुविधा
हवामहल स्मारक प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार यहाँ साल 2018 में दृष्टिबाधित पर्यटकों के लिए ब्रेललिपि की सुविधा शुरू की गई थी। इसके बाद यहाँ सैकड़ों दृष्टिबाधित पर्यटक इतिहास की जानकारी ले चुके हैं। यहाँ हिंदी और अंग्रेज़ी दोनो में ब्रेललिपि के ब्रोशर हैं। 

पर्यटको का कहना है
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से इतिहास में शोध कर रहे मो. नासिर जब हवामहल स्मारक आए तो उन्हें पता चला कि यहाँ हिंदी और अंग्रेज़ी में ब्रेललिपि की सुविधा है तो वे बड़े ख़ुश हुए उन्होंने इसकी मदद से स्मारक का इतिहास जाना। साथ ही इस सुविधा के लिए स्मारक प्रशासन को धन्यवाद दिया। 

इनका कहना है 
साल 2017 से दृष्टिबाधित पर्यटकों के लिए ये शुरू की गई थी। ताकि उन्हें भी ब्रेल लिपि की सहायता से स्मारक के  इतिहास की जानकारी मिल सके। 
सरोजनी चंचलानी, अधीक्षक, हवामहल स्मारक

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