कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के उद्घाटन को लेकर अशोक गहलोत का भाजपा पर निशाना : कांग्रेस को नहीं मिले श्रेय, इसलिए दोबारा उद्घाटन; कहा- बहुत ही निम्न स्तर की है इनकी सोच
ऐसी परंपरा क्यों डाल रहे हैं लोग कि वापस उसका उद्घाटन करवाओ, शुभारंभ के नाम पर बुलाते हैं
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के उद्घाटन को लेकर जारी सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधा है।
जयपुर। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के उद्घाटन को लेकर जारी सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा कि स्पीकर लोकसभा वो बहुत बड़ा गरिमामय पद है और उनको शायद जानकारी दी गई कि नहीं दी गई कि इसका उद्घाटन हो चुका है। तत्कालीन स्पीकर डॉ. सीपी जोशी, तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और शांति धारीवाल यूडीएच मंत्री सब मौजूद थे। प्रोग्राम के अंदर, फोटो छप गए अखबारों के अंदर, तो सबको मालूम है कि ये उद्घाटन हो चुका है और ऐसी परंपरा क्यों डाल रहे हैं लोग कि वापस उसका उद्घाटन करवाओ, शुभारंभ के नाम पर बुलाते हैं। इसी प्रकार आपको याद होगा कि 5-6 साल पहले वसुंधरा ने बुलाया था प्रधानमंत्री मोदी को, रिफाइनरी का प्रोजेक्ट जो 37 हजार करोड़ का था प्रोजेक्ट जब मैंने उसका शिलान्यास करवाया था, डॉ. वीरप्पा मोइली आए थे, सोनिया गांधी आईं थीं, और वो टाइम बाउंड प्रोग्राम पूरा हो जाता, 5 साल तक उसको बंद रखा गया कि श्रेय कांग्रेस को नहीं मिले, सिर्फ इसलिए कि श्रेय नहीं मिले, ये प्रोजेक्ट आज वाला जो ये कंस्टीट्यूशन क्लब का है, इसको बंद इसलिए रखा गया कि श्रेय कांग्रेस को नहीं मिले। गांधी वाटिका को भी एक साल इसलिए बंद रखा गया कांग्रेस को श्रेय नहीं मिले।
ये इनकी सोच बहुत ही निम्न स्तर की है और इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि जो स्थिति बनी है वो जो रिफाइनरी का प्रोजेक्ट पांच साल बंद रखा गया फिर शुभारंभ के नाम पर बुलाया गया प्रधानमंत्री मोदी को, आज तक पूरा नहीं हुआ है, बल्कि 37 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट लगभग अब एक लाख करोड़ का प्रोजेक्ट बनने जा रहा है, अभी तक पूरा नहीं हुआ है , कहते हैं 80 प्रतिशत के आसपास काम पूरा हुआ है। तो कोई डिले हो गया प्रोजेक्ट तो उसका कॉस्ट बढ़ेगी, एस्केलेशन होगा, पब्लिक इंटरेस्ट वो कभी नहीं होता है। हमनें कोई प्रोजेक्ट को जो बीजेपी राज में शुरू हुए हैं, इंक्लूडिंग ईआरसीपी जो वसुंधरा ने शुरू करी थी। हमनें कोई प्रोजेक्ट को बंद नहीं किया है। हमारी सोच में और उनकी सोच में इतना रात दिन का फर्क है। बहुत अनफॉर्चुनेट है कि यहां ये सरकार और यहां के स्पीकर पता नहीं क्या सोच कर के इसका वापस शुभारंभ करने के नाम पर एक साल तक बंद रखा गया, जो उद्देश्य से बनाया गया है। कंस्टीट्यूशन क्लब, हिंदुस्तान में सबसे शानदार कंस्टीट्यूशन क्लब राजस्थान में बना है।
राज्यों में तो होगा भी नहीं, खाली दिल्ली के अंदर लोकसभा, पार्लियामेंट के साथ अटैच्ड एक कंस्टीट्यूशन क्लब। एक नया हमनें आयाम स्थापित किया, यहां के इंटेलेक्चुअल , एमएलए, एमपी, एक्स एमपी, एक्स एमएलए सब बैठ के चर्चा कर सकें। इस प्रकार की सुविधाएं मिलें लोगों को, प्लेटफॉर्म मिले,ये सोच के जो इतना बड़ा काम हाथ में लिया और शानदार बिल्डिंग खड़ी हो गई, अब क्या एक साल से बंद पड़ी हुई है। ये अनफॉर्चुनेट है, ये मेरा मानना है। अभी भी समय है ओम बिड़ला को खुद ऐसे प्रोग्राम में भाग नहीं लेना चाहिए। इस तरीके से आप खुद ही शुभारंभ कर दे क्या परेशनी है उसके अंदर, जिस प्रकार की गोविंद डोटासरा बोले भी हैं। ये इस प्रकार से जिस सोच के साथ में ये फैसले कर रहे हैं, वो दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरा मानना है कि ये स्थिति अच्छी नहीं है।
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