राजस्थान में नेचुरल रिसोर्स बचाने की बड़ी तैयारी, एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन और क्लाइमेट चेंज पर काम शुरू
राजधानी में नया सेंटर किया गया है स्थापित
सेंटर की निदेशक शैलजा देवल ने बताया कि हमें 17 प्रमुख बिंदु तैयार किये हैं जिन पर काम किया जाएगा। प्रदेश में पर्यावरण से जुड़े बहुत से मुद्दे हैं, जो हमें सीधे तौर पर असर पहुंचा रहे हैं।
जयपुर। प्रदेश में पर्यावरण संबंधी चुनौतियों से पार पाने के लिए राजस्थान में पहली बार एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है। सेंटर फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचुरल रिसोर्स, एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एंड क्लाइमेट चेंज के नाम से शुरू किये गए इस खास सेंटर काम होगा प्रदेश में पर्यावरण के समक्ष प्रमुख चुनौतियों को पहचानना और उसे सुधारने के लिए जन जागरूकता पर और संबंधित लोगों की जागरूकता पर काम करना।
सेंटर की निदेशक शैलजा देवल ने बताया कि हमें 17 प्रमुख बिंदु तैयार किये हैं जिन पर काम किया जाएगा। प्रदेश में पर्यावरण से जुड़े बहुत से मुद्दे हैं, जो हमें सीधे तौर पर असर पहुंचा रहे हैं। हमें जानना ज़रूरी है कि हम हर साल करोड़ों पौधे क्यों लगा रहे हैं। पेड़ हमें किन परेशानियों से बचा सकते हैं। पर्यावरण से जुड़ी परेशानियों के कारण क्या हैं। कलामेट चेंज की बात दुनिया कर रही है लेकिन राजस्थान में इसका क्या असर नज़र आ रहा है। ये अहम मुद्दे हैं जो प्रदेश जनता को नीजीतौर पर असर पहुंचा रहे हैं या प्रभावित कर रहे हैं। ऐसे में हमारा प्रदूषित होता जल, प्रदूषित हवा, भोजन से लेकर मिट्टी तक सभी मुद्दों को समझने और आम लोगों समेत हर समस्या से सीधे तौर पर जुड़े संबंधित लोगों को जागरूक करने के लिए एक पूरा पखवाड़ा इस दिशा में मनाने जा रहे हैं। इसकी शुरुआत बायो मेडिकल वेस्ट के सही निस्तारण पर बात करने से करेंगे जिसमें निजी क्षेत्र से लेकर सरकारी अस्पताल शामिल होंगे। उसके बाद 28 जुलाई वर्ल्ड नेचर कंजर्वेशन डे पर बड़ा प्रदेश स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। 29 जुलाई वर्ल्ड टाइगर डे पर लोगों को जंगलों और वन्यजीवों महत्व समझाया जाएगा। इसी तरह 24 जुलाई को सभी पत्रकारों के लिए खास सेशन करने के बारे में तैयारी है ताकि हर वर्ग तक हम अपनी बात पहुंचा सकें और इस दिशा सुधारात्मक काम शुरू कर सकें।

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