मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल : राजस्थान की मां योजना देशभर में मिसाल बनी, 43 लाख मरीजों का निशुल्क उपचार
योजना में बुखार के उपचार से सर्जरी तक होगी निशुल्क
अब तक इस योजना से 43 लाख से अधिक रोगियों को 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नि:शुल्क उपचार प्राप्त हो चुका है।
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की संवेदनशीलता से प्रदेश में गांव और गरीब तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुगम हुई है। जरूरतमंद परिवार इलाज खर्च की चिंता से मुक्त से मुक्त हुए हैं। उन्हें बुखार जैसी सामान्य बीमारियों से लेकर ट्रांसप्लांट और रोबोटिक सर्जरी जैसा महंगा
उपचार नि:शुल्क मिल रहा है। राजकीय अस्पतालों में ही नहीं, प्रदेश के नामी निजी अस्पतालों में भी उन्हें आसानी से नि:शुल्क उपचार सुलभ हो रहा है। अब तक इस योजना से 43 लाख से अधिक रोगियों को 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नि:शुल्क उपचार प्राप्त हो चुका है।
इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी भी की लागू
मां योजना के दायरे को बढ़ाने के लिए इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी लागू कर दी गई है। फिलहाल योजना के तहत इन बाउण्ड पोर्टेबिलिटी प्रारंभ हो चुकी है और जल्द ही आउट बाउण्ड पोर्टेबिलिटी प्रारंभ होगी। इससे बाहर के मरीज राजस्थान आकर और राजस्थान के मरीज दूसरे राज्यों में जाकर इलाज ले सकेंगे। प्रथम चरण में इन बाउण्ड पोर्टेबिलिटी लागू कर दी गई है, जिससे बाहर के मरीज राजस्थान में आकर इलाज ले पा रहे हैं। इसमें सामान्य बीमारी से लेकर रोबोटिक सर्जरी, एलौपैथी से लेकर आयुष पद्धति तक और बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर विधा से हर वर्ग के लिए उपचार के पैकेज शामिल हैं।
फैक्ट फाइल
योजना में पंजीकृत परिवार 1.34 करोड़ से अधिक
सूचीबद्ध अस्पताल 1800 से अधिक
अब तक लाभान्वित मरीज करीब 43 लाख
क्लेम पर अब तक व्यय राशि 5 हजार करोड़ से अधिक
औसतन प्रतिदिन लाभ लेने वाले मरीज 8400
प्रतिदिन बुक क्लेम की राशि 9 करोड़ से अधिक
पहले 1800, अब 2300 पैकेज
पूर्ववर्ती सरकार में संचालित योजना में लगभग 1800 पैकेज थे, जिन्हें नई योजना में बढ़ाकर लगभग 2300 कर दिया गया है। योजना में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए 73 डेकेयर पैकेज एवं 419 पीडियाट्रिक पैकेज शामिल किए हैं। वर्ष 2025-26 की बजट घोषणा के अनुसार अब योजना में रोबोटिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी एंड स्किन ट्रांसप्लांट, कार्डियोथोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी के पैकेज जोडे़ गए हैं।
नियमों में शिथिलता
योजना की पहुंच गांव-कस्बों तक सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों के एम्पेनलमेंट नियमों में शिथिलता दी गई है ताकि निजी अस्पताल इस योजना से जुड़ें और निचले स्तर पर योजना का लाभ पहुंचाने में आसानी हो।

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