भरपूर बरसे बादल : फिर भी प्यासे 133 बांध, पानी की आवक में रुकावटें बनीं बड़ी वजह
बारिश के पानी का इंतजार कर रहा है
कई स्थानों पर पानी का प्राकृतिक बहाव रोक दिया गया है, जिससे बारिश का जल सतही बहाव से पहले ही रुक जाता है या अन्यत्र बिखर जाता है।
जयपुर। राजस्थान में इस साल मानसून मेहरबान रहा। सामान्य की तुलना में 94% वर्षा दर्ज की गई, जो औसत से 85% अधिक है, लेकिन जब जलग्रहण क्षेत्रों से होकर बहते पानी की बात आती है, तो तस्वीर बदली-बदली सी नजर आती है। राज्य के 693 बांधों में से 133 अभी भी पूरी तरह खाली हैं, यानी लगभग हर 5वां बांध अब भी बारिश के पानी का इंतजार कर रहा है।
जल विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
बांधों में पानी न पहुंचने की मुख्य वजह अवैध अतिक्रमण, रेन वाटर चैनल्स का टूटना, और जलग्रहण क्षेत्रों में अर्बन डेवेलपमेंट है। कई स्थानों पर पानी का प्राकृतिक बहाव रोक दिया गया है, जिससे बारिश का जल सतही बहाव से पहले ही रुक जाता है या अन्यत्र बिखर जाता है।
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