चुनाव आयोग पर खुलासे के बाद मार्च निकाल रहे कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लेना निंदनीय, यह उनके अधिकार का हनन : गहलोत
जनता की आवाज को बुलंद करते हैं
केन्द्र सरकार एवं चुनाव आयोग राहुल गांधी द्वारा तथ्यों के साथ लगाए गए वोट चोरी के आरोप की जांच करने की बजाय ध्यान भटकाने के लिए दूसरे रास्ते अपना रहे हैं।
जयपुर। राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर खुलासे के बाद मार्च निकाल रहे कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लेने पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार पर हमला बोलते हुए घटना की निंदा की है। गहलोत ने कहा है कि वोट चोरी के विरोध में मार्च निकाल रहे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य सांसदों को हिरासत में लिया जाना बेहद निंदनीय एवं लोकतंत्र पर कुठाराघात है। डेमोक्रेसी में विपक्ष को अपनी बात उठाने का अधिकार है और प्रदर्शन, मार्च इत्यादि के जरिए ही वो अपने मुद्दों पर जनता की आवाज को बुलंद करते हैं।
प्रदर्शन करते नेताओं को हिरासत में लेना उनके इस अधिकार का हनन है। केन्द्र सरकार एवं चुनाव आयोग राहुल गांधी द्वारा तथ्यों के साथ लगाए गए वोट चोरी के आरोप की जांच करने की बजाय ध्यान भटकाने के लिए दूसरे रास्ते अपना रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष तो क्या किसी आम आदमी या मीडिया संस्थान द्वारा भी इतनी बड़ी अनियमितताएं सामने लाने पर चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि उनकी जांच करवाए पर चुनाव आयोग का ऐसा रुख इस संस्था में आमजन के विश्वास को खत्म कर रहा है।

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