शहर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बाघों का संरक्षण, शावकों की अठखेलियां पर्यटकों को एलईडी स्क्रीन पर लाइव, 14 बाघों की देखरेख
प्रदेश में 150 बाघ
बाघों के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 29 जुलाई को इंटरनेशनल टाइगर डे मनाया जाता है।
जयपुर। बाघों के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 29 जुलाई को इंटरनेशनल टाइगर डे मनाया जाता है। राजस्थान जो कभी बाघों की घटती संख्या को लेकर चिंतित था, अब बाघों की सुरक्षित शरण स्थली बनता जा रहा है। हालांकि वन विभाग के सामने यहां के टाइगर रिजर्वों में बाघों की इनब्रीडिंग सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। इसके लिए देश के दूसरे राज्यों के टाइगर रिजर्वों से बाघों को लाने की मांग कई बार वन्यजीव प्रेमी उठा चुके हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश के अन्य बायोलॉजिकल पार्कों की तुलना में जयपुर स्थित नाहरगढ़ बायोलॉजिकल में बाघों में सफल प्रजनन हो रहा है।
रणथम्भौर से लाया टी-79 का शावक ‘रणवीर’ स्वस्थ, सितंबर में होगा दो साल का :
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल में भी अब बाघों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यहां पर 14 बाघों की देखरेख की जा रही है। जिनमें रेस्क्यू कर लाया गया शावक भी शामिल हैं। रणथम्भौर से लाई गई बाघिन टी-79 का शावक ‘रणवीर’ स्वस्थ है और सितंबर में दो वर्ष का हो जाएगा। उसे फिलहाल नॉन-डिस्प्ले एरिया में रखा गया है।
एनटीसीए से मांगी गई है अनुमति :
वन विभाग के अनुसार बाघ शावक रणवीर को कैप्टिविटी में डिस्प्ले एरिया में रखने की अनुमति के लिए नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अर्थोरिटी (एनटीसीए) को पत्र लिखा है। अगर इसके लिए एनटीसीए अनुमति देता है तो यहां बाघों में कैप्टिव जीनपूल के साथ ही वाइल्ड जीनपूल मिल सकेगा। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की नियो नेटल केयर यूनिट में वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ.अरविंद माथुर की देखरेख में इसका लालन-पालन किया गया था।
बच्चे, बड़े और बुजुर्ग लाइव देख रहे अठखेलियां :
पार्क में बाघिन ‘रानी’ और उसके शावकों की गतिविधियों को एलईडी स्क्रीन पर लाइव दिखाया जा रहा है। जिससे पर्यटक, विशेष रूप से बच्चे, बडेÞ और बुजुर्ग इन नन्हें शावकों की अठखेलियां देख आनंदित हो रहे हैं।
प्रदेश में 150 बाघ :
विभाग के अनुसार राजस्थान में अभी करीब 150 बाघ हैं, जो विभिन्न टाइगर रिजर्व में हैं। इनमें रणथम्भौर में 75 से 80 के बीच, सरिस्का में 48, रामगढ़ विषधारी में 7, मुकुंदरा में 5 और धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व में करीब 10 बाघ हैं।
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बाघों का सफल प्रजनन हो रहा है। यहां बाघ शावक भीम और स्कंदी पर्यटकों के विशेष आकर्षण का केन्द्र हैं। बाघिन रानी के पांच शावकों की अटखेलियों को पर्यटक एलईडी स्क्रीन के जरिए लाइव देख रहे हैं।
-टी.मोहनराज
मुख्य वन संरक्षक,
वन्यजीव, जयपुर

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