20 जून तक चलेगा सांस्कृतिक विरासत प्रशिक्षण शिविर, 28 वर्षों से सिटी पैलेस में प्रत्येक वर्ष शिविर का किया जा रहा आयोजन
उद्देश्य युवा पीढ़ी को भारत की संस्कृति, समृद्ध कला व शिल्प से परिचित कराना
एक माह के सांस्कृतिक विरासत प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभागियों को विभिन्न पारंपरिक भारतीय कलाओं की बारीकियों से रुबरु कराया जा रहा है।
जयपुर। महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय संग्रहालय ट्रस्ट द्वारा सिटी पैलेस, जयपुर में आयोजित हो रहे एक माह के सांस्कृतिक विरासत प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभागियों को विभिन्न पारंपरिक भारतीय कलाओं की बारीकियों से रुबरु कराया जा रहा है। इस शिविर का उद्देश्य युवा पीढ़ी को भारत की संस्कृति, समृद्ध कला व शिल्प से परिचित कराना और इसका संरक्षण करना है। शिविर में विभिन्न आयु वर्ग के प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं, जिन्हें प्रसिद्ध कला विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न पारंपरिक कला रूपों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसमें पारंपरिक चित्रकला, आला गिला, आराईश, ध्रुवपद, कथक, बांसुरी, कैलीग्राफी, वैदिक ज्योतिष और ठीकरी (मिरर वर्क) कला शामिल है। यह शिविर पारम्परिक कलाओं की प्रतिनिधि संस्था 'रंगरीत' तथा 'सरस्वती कला केन्द्र' के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। शिविर का समापन 20 जून को होगा।
शिविर का समन्वय रामू रामदेव द्वारा किया जा रहा है, जो बाबूलाल भारोदिया के साथ मिलकर प्रतिभागियों को ढूंढाड़ शैली में 'पारंपरिक चित्रकला' की बारीकियां सिखा रहे हैं। रामू रामदेव ने बताया कि यह शिविर पारंपरिक कला व संस्कृति को बढ़ावा देने की जयपुर राज परिवार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है कि यह गत 28 वर्षों से सिटी पैलेस में प्रत्येक वर्ष शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष जयपुर सहित देश के विभिन्न हिस्सों प्रतिभागी पारंपरिक कलाओं का प्रशिक्षण लेने के लिए आए हुए हैं।

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