अमेरिकी टैरिफ से निर्यातकों में गहराई अनिश्चितता : सरकार करें स्थिति का वास्तविक आंकलन, आरतिया ने कहा- निर्यातकों में जगाए विश्वास 

निर्यातकों के बीच विश्वास बहाल करने की ठोस पहल करे

अमेरिकी टैरिफ से निर्यातकों में गहराई अनिश्चितता : सरकार करें स्थिति का वास्तविक आंकलन, आरतिया ने कहा- निर्यातकों में जगाए विश्वास 

मंथन बैठक में यह मांग की गई कि भारत सरकार तत्काल इस परिस्थिति का वास्तविक आंकलन कर निर्यातकों के बीच विश्वास बहाल करने की ठोस पहल करे।

जयपुर। अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ और उसे 90 दिन के लिए टालने के निर्णय ने राजस्थान के निर्यातकों में गहरी अनिश्चितता पैदा कर दी है। अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन (आरतिया) की ओर से आयोजित मंथन बैठक में यह मांग की गई कि भारत सरकार तत्काल इस परिस्थिति का वास्तविक आंकलन कर निर्यातकों के बीच विश्वास बहाल करने की ठोस पहल करे।

27% टैरिफ को टालाए पर बना हुआ है असमंजस
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने भारत से होने वाले आयात पर 27% तक रेसिप्रोकल टैरिफ  लगाने का निर्णय लिया था, जो 9 अप्रैल से प्रभावी होना था। हालांकि, इसे फिलहाल 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसके बावजूद, व्यापारिक जगत में स्पष्टता का अभाव बना हुआ है कि इसके बाद की दिशा क्या होगी।

कंटेनर रवाना, शुल्क तय नहीं: निर्यातकों की चिंता
बैठक में यह चिंता सामने आई कि जिन कंटेनरों को टैरिफ  प्रभावी होने से पूर्व रवाना कर दिया गया था, उनके अमेरिका पहुंचने पर अतिरिक्त शुल्क लग रहा है, जिससे आयातक पर वित्तीय बोझ बढ़ गया है। इसके चलते वॉलमार्ट जैसी कंपनियों ने फिलहाल अपने ऑर्डर रोक दिए हैं। परिणामस्वरूप भारत से अमेरिकी बाजार को होने वाला निर्यात प्रभावित होने लगा है।

केवल भारत ही नहीं, दक्षिण-पूर्व एशियाई देश भी प्रभावित
इस रेसिप्रोकल टैरिफ  का असर केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि चीन समेत दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देश इसकी चपेट में हैं। अमेरिका की नीति का मुख्य उद्देश्य वहां की घरेलू इंडस्ट्री को संरक्षण देना प्रतीत होता है, लेकिन इससे अमेरिकी उपभोक्ताओं को कई वस्तुएं महंगी पड़ेंगी, जिससे वहां की मांग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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भारत-अमेरिका व्यापार आंकड़े: असर देखने योग्य
वित्तवर्ष 2023-24 के पहले 11 महीनों में भारत से अमेरिका को कुल निर्यात ़76.37 अरब रहा, जबकि आयात 41.62 अरब डॉलर था। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि रेसिप्रोकल टैरिफ  के कारण चालू वित्तवर्ष में भारत-अमेरिका व्यापार पर कितना असर पड़ेगा।

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बैठक में उपस्थित प्रमुख सदस्य
विष्णु भूत, कमल कंदोई, आशीष सर्राफ, जसवंत मील, प्रेम बियानी, दिनेश गुप्ता, तरुण सारडा, ज्ञान प्रकाश, अजय गुप्ता, कैलाश शर्मा, ओ.पी. राजपुरोहित, रमेश गांधी।

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