ममता बेनर्जी पर पता नहीं कौनसा दबाव था जो उन्होने राष्ट्रपति पद के लिए मेरे पिता की खिलाफत की थी : शर्मिष्ठा मुखर्जी
जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल में सोमवार को फ़्रंट लॉन में हुए ‘प्रणब माय फादर’ सत्र में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि मेरे पिता की डायरी में काफी कुछ लिखा था।
जयपुर। जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल में सोमवार को फ़्रंट लॉन में हुए ‘प्रणब माय फादर’ सत्र में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि मेरे पिता की डायरी में काफी कुछ लिखा था। वह हर दिन कौन-कौन से नेताओं से मिल रहे थे। वह कहा जाते थे। क्या सोचते थे। सब कुछ उस डायरी में लिखा था।
इंदिरा गांधी के साथ मेरे पिता के रिश्ते काफी अच्छे थे। यहां तक कि वे क्या कपड़े पहनेंगे, इसपर भी वह इंदिरा गांधी जी से पूछते थे। यहां तक कि जब मेरे पिता मंत्री बने तो इंदिरा गांधी ने उन्हें धोतीं कुर्ता छोड़कर सूट पहनने के लिए कहा। इंदिरा गांधी ने मेरे पिता के इंग्लिश एक्सेंट (बंगाली) को लेकर जब आपत्ति जताई और उन्हें नए सिरे से सीखने के कहा था। लेकिन मेरे पिता ने उन्हें कहा यहीं मेरा एक्सेंट है।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बन गए थे। उसके बाद भी वह मेरे पिता को सर बोलकर संबोधित करते थे। जिसपर मैंने पिता ने भी कई बार आपत्ति जताई थी। वह दोनों एक दूसरे की काफी रिस्पेक्ट करते थे।
मुखर्जी ने कहा कि मैं अब तक नहीं समझ पाई हूं कि ममता बेनर्जी पर ऐसा कौनसा दबाव था। जो उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए मेरे पिता की खिलाफत की थी। मुखर्जी ने कहा कि जब मेरे पिता नागपुर गए थे। तब में कांग्रेस में सक्रिय थी। मैने उनके RSS के कार्यक्रम में जाने का काफी विरोध किया। मेरी इस बात पर उनसे लड़ाई भी हुई। तब उन्होंने मुझे समझाया था कि वह RSS के कार्यक्रम में कांग्रेस की विचारधारा को बताने गए थे। उन्होंने वहां पंडित नेहरू की सोच बताई थी।
मुखर्जी ने कहा कि यूपीए के दौरान मेरे पिता ने सोनिया गांधी से कहा था कि एक कमजोर सरकार की जगह विपक्ष में होना ज्यादा बहतर होता।

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