सीएम ममता ने इंडिगो की उड़ानों में व्यवधान के लिए सरकार को ठहराया जिम्मेदार, मुआवजे की मांग
IndiGo संकट पर ममता बनर्जी का केंद्र सरकार पर हमला
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंडिगो उड़ानों की बड़े पैमाने पर रद्दीकरण को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने बिना वैकल्पिक योजना नए नियम लागू करने का आरोप लगाया और प्रभावित यात्रियों को मुआवजा देने की मांग की। किरायों में भारी बढ़ोतरी पर भी सवाल उठाए।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को इंडिगो की उड़ानों में व्यवधान को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। इंडिगो पिछले सात दिनों में हजारों उड़ानें रद्द कर चुकी हैं। सीएम ममता ने केंद्र सरकार पर बिना किसी आकस्मिक योजना के नए विमानन नियम लागू करने और हजारों यात्रियों को अफरा-तफरी में धकेलने का आरोप लगाया। उत्तर बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर रवाना होने से पहले कोलकाता हवाई अड्डे के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए सीएम बनर्जी ने कहा, अगर केंद्र ने एयरलाइनों को वैकल्पिक व्यवस्था तैयार करने के लिए 15-20 दिन का समय दिया होता तो विमानन क्षेत्र के संकट से बचा जा सकता था।
उन्होंने कहा, ज्यादातर उड़ानें बिना किसी योजना के बंद कर दी गयी, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके अलावा जो कुछ उड़ानें संचालित की जा रही हैं, उनके किराए में भारी बढ़ोतरी हुई है। एक टिकट जिसकी कीमत आमतौर पर 3,000 रुपये होती है, अब 50,000 रुपये हो गई है। आम लोग कैसे यात्रा करेंगे? सीएम ममता बनर्जी ने हाल ही में, एक जोड़े का मामला बताया जो व्यवधान के कारण अपनी शादी के रिसेप्शन में नहीं पहुँच पाए और उन्हें वीडियो कॉल के जरिए कार्यक्रम में शामिल होना पड़ा।
इसके आगे उन्होंने सभी प्रभावित यात्रियों के लिए मुआवजे की माँग करते हुए कहा, मैंने ऐसी निष्क्रियता पहले कभी नहीं देखी। यह एक आपदा है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा, आप लोगों को इतनी मुश्किल में कैसे धकेल सकते हैं? हजारों-लाखों यात्री हवाई अड्डों पर फँसे हुए हैं, निराश और मानसिक रूप से परेशान हैं।
उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि जब तक एयरलाइंस अपने कर्मचारियों और समय-सारिणी को स्थिर नहीं कर लेतीं, तब तक कम से कम आधी उड़ानें चालू रहें। ममता बनर्जी ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसका ध्यान शासन से ज्यादा चुनावों पर है। इसके आगे उन्होंने कहा, सरकार को देश की समस्याओं में कोई दिलचस्पी नहीं है। उनकी एकमात्र चिंता वोटों, ईवीएम, चुनाव आयोग और केंद्रीय एजेंसियों को नियंत्रित करने की है। वे लोगों के बारे में नहीं सोचते। यही उनकी सबसे बड़ी समस्या है।
यह व्यवधान नए उड़ान ड्यूटी समय सीमा (एफडीटीएल) नियमों के कार्यान्वयन से उत्पन्न हुआ है, जिन्हें इस महीने की शुरुआत में विमानन नियामक डीजीसीए द्वारा लागू किया गया था। इंडिगो एयरलाइन के पास नए मानदंडों के तहत अपने शेड्यूल को संचालित करने के लिए आवश्यक संख्या में पायलट और चालक दल की कमी है, जिससे बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द हो रही हैं और देश भर में यात्री फंसे हुए हैं।
ममता बनर्जी ने कहा, पायलटों को आराम की जरूरत होती है, यह मैं पूरी तरह समझती हूँ। लेकिन ऐसे नियम लागू करने से पहले, केंद्र को वैकल्पिक योजना बनाने के लिए 15-20 दिन का समय देना चाहिए था। उन्हें पता था कि जनता को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। ममता बनर्जी ने किसी भी बड़े नेता का नाम लिए बिना कहा, कुछ लोग देश की समस्याओं से निपटने के बजाय विदेश में ज्यादा समय बिताते हैं। जिन लोगों ने इतना नुकसान पहुँचाया है उन्हें लोगों को मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने प्रभावित यात्रियों को कानूनी उपाय अपनाने की भी सलाह दी।

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