महेश जोशी की जमानत अर्जी पर सुनवाई से इनकार, ईडी ने याचिकाकर्ता पर लगाया 2.01 करोड़ रुपए का आरोप
ईडी के पास कोई साक्ष्य नहीं है
जमानत याचिका में अधिवक्ता स्नेहदीप ने अदालत को बताया कि प्रकरण में उसे फंसाया गया है। प्रकरण को लेकर एसीबी में दर्ज मूल केस में याचिकाकर्ता का नाम नहीं है।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जल जीवन मिशन स्कैम से जुडे ईडी प्रकरण में आरोपी पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी की जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। जस्टिस अनिल कुमार उपमन की एकलपीठ ने प्रकरण को दूसरी एकलपीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने को कहा है। मामला जस्टिस अनिल कुमार उपमन की एकलपीठ के समक्ष सूचीबद्ध हुआ था। प्रकरण का सुनवाई के लिए नंबर आने पर अदालत ने कहा कि वह प्रकरण में सुनवाई नहीं कर रहे हैं और उसे अन्य एकलपीठ में भेजा जाए। अब हाईकोर्ट की दूसरी एकलपीठ जमानत याचिका पर जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में सुनवाई करेगी।
जमानत याचिका में अधिवक्ता स्नेहदीप ने अदालत को बताया कि प्रकरण में उसे फंसाया गया है। प्रकरण को लेकर एसीबी में दर्ज मूल केस में याचिकाकर्ता का नाम नहीं है। याचिकाकर्ता को एक साल पहले नोटिस दिया गया। इसके बाद बिना कोई परिस्थिति बदले याचिकाकर्ता को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा ईडी याचिकाकर्ता पर 2.01 करोड़ रुपए का आरोप लगा रही है। जबकि इसे लेकर ईडी के पास कोई साक्ष्य नहीं है और परिवादी यह राशि कहां से लाया, उसका भी उल्लेख नहीं है।
इसके अलावा ईडी ने अपनी रिपोर्ट में बेटे की फर्म में 50 लाख रुपए का लेनदेन बता रही है। यह राशि बेटे की कंपनी ने लोन के तौर पर ली थी और उसे लौटाया भी जा चुका है। वहीं इस राशि को लेकर सिविल केस भी लंबित चल रही है। ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाए। गौरतलब है कि ईडी कोर्ट ने गत दिनों जोशी को जमानत देने से इनकार कर दिया था और उसके बाद ईडी ने जोशी, बेटे रोहित सहित डेढ दर्जन आरोपियों के खिलाफ ईडी कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया था। इस दौरान जोशी की पत्नी का निधन होने पर कोर्ट ने उन्हें दो बार अंतरिम जमानत का लाभ दिया था।

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