शिक्षा विभाग: प्रदेश के 169 स्कूलों में नामांकन नहीं, किया मर्ज
प्रदेश भर में 190 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों को मर्ज किया
विभाग ने एक ही परिसर में चलने वाली 21 स्कूलों को निरस्त कर नजदीकी स्कूलों में मर्ज कर दिया है।
जयपुर। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के आदेश पर शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर में 190 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों को मर्ज किया है। विभाग ने एक ही परिसर में चलने वाली 21 स्कूलों को निरस्त कर नजदीकी स्कूलों में मर्ज कर दिया है। साथ ही, शून्य नामांकन वाले 169 स्कूलों को निरस्त कर इन स्कूलों को भी नजदीकी स्कूल में मर्ज कर दिया गया है। दिलावर ने कहा है कि कम नामांकन वाले स्कूलों में छात्र संख्या उपलब्ध नहीं होने के कारण आरटीई मापदंडों के अनुसार शिक्षकों के पद मंजूर होने के बावजूद शिक्षक उपलब्ध नहीं हो पाए थे और शिक्षा गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी। दिलावर के अनुसार शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार की दृष्टि से राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। इससे स्कूलों में संसाधन और पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध हो सकेंगे।
शून्य नामांकन वाले स्कूल जयपुर और जोधपुर में सबसे ज्यादा :
शून्य नामांकन वाले बंद किए गए 169 स्कूलों में सबसे ज्यादा जयपुर में 18 और जोधपुर में 17 स्कूल शामिल हैं। डीडवाना-कुचामन में 11, करौली में 10, कोटपुतली-बहरोड़ और नागौर में 7-7, बालोतरा और दौसा में 6-6 स्कूल हैं। पांच स्कूल बंद करने वाले जिलों में अलवर, बाड़मेर, जालोर, झालावाड़, पाली, सीकर और उदयपुर हैं। बीकानेर, श्रीगंगानगर और सवाईमाधोपुर में 4-4, बांसवाड़ा, बूंदी, डूंगरपुर,जैसलमेर, कोटा और फलौदी में 3-3, ब्यावर, भरतपुर, हनुमानगढ़, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही और टोंक में 2-2 स्कूल शामिल हैं। बारां और झुंझुंनू में एक-एक जिले शामिल हैं।
एक ही परिसर वाले मर्ज स्कूलों में सबसे ज्यादा चार भीलवाड़ा में :
एक ही परिसर में सुबह-शाम की पारी में अलग अलग चल रहे 21 स्कूलों को मर्ज किया गया है,क्योंकि यहां दो पारी के स्कूल की तुलना में बच्चों की संख्या कम थी। भीलवाड़ा में सबसे ज्यादा चार स्कूल, जोधपुर में तीन, अजमेर, चूरू और जयपुर में दो-दो तथा बालोतरा, ब्यावर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, खैरथल-तिजारा, कोटा, राजसमंद और जालोर में एक-एक स्कूल मर्ज किए गए हैं।
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