हाईकोर्ट में न्यायाधीशों का हर तीसरा पद खाली : 6.68 लाख मुकदमों को न्याय का इंतजार, जजों के खाली पद चिंता का विषय
17% मुकदमें एक दशक से लंबित
लंबित मुकदमों में से भी 17 फीसदी से अधिक मुकदमों के पक्षकार एक दशक से अपने प्रकरणों के निस्तारण का इंतजार कर रहे हैं।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में एक ओर न्यायाधीशों के स्वीकृत 50 पद आज तक नहीं भरे गए है, वहीं दूसरी ओर 6.68 लाख मुकदमों को न्याय का इंतजार है। राजस्थान हाईकोर्ट में मुकदमों की बढ़ती संख्या का निस्तारण करने के लिए सालों पहले न्यायाधीशों के स्वीकृत पदों की संख्या 50 की गई थी, लेकिन इन सभी पदों को आज तक नहीं भरा गया। राजस्थान हाईकोर्ट में वर्तमान में मुख्य न्यायाधीश के साथ 32 अन्य न्यायाधीश मुकदमों की सुनवाई कर रहे हैं। हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्य पीठ और जयपुर पीठ में कुल मिलाकर 6 लाख 68 हजार 035 मुकदमें लंबित हैं। ऐसे में हर न्यायाधीश पर 20 हजार 243 से अधिक मुकदमों का भार हैं। इन लंबित मुकदमों में से भी 17 फीसदी से अधिक मुकदमों के पक्षकार एक दशक से अपने प्रकरणों के निस्तारण का इंतजार कर रहे हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट में जजों के खाली पद वाकई चिंता का विषय हैं। न्यायाधीशों के खाली पद रहने से लंबित मुकदमों की सूची बढ़ती ही जा रही हैं। कई बार तो न्यायाधीशों के समक्ष रोजाना सूचीबद्ध होने वाले मुकदमों की संख्या पांच सौ से अधिक पहुंच जाती हैं। एसोसिएशन की ओर से लंबित मुकदमों को भरने के लिए कई बार प्रशासन को लिखा गया हैं।
-प्रहलाद शर्मा, पूर्व अध्यक्ष, राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन।
हाल ही में हाईकोर्ट में न्यायिक कोटे से तीन अधिकारियों को जज नियुक्त किया गया है। ऐसे में अब वकील कोटे से जज नियुक्त कर खाली पदों को भरें, ताकि पक्षकारों को समय पर न्याय मिल सकें।
-रमित पारीक, महासचिव, राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन।
स्वीकृत पद कार्यरत जज रिक्त पद
50 33 17
लंबित मुकदमें मुख्यपीठ, जोधपुर
2,84,631
खंडपीठ, जयपुर
3,8,404
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