सोने-चांदी में तेजी : भारतीय घरों में 25 हजार टन सोना मौजूद, जयपुर में जेवराती सोना 6800, चांदी 5800 रुपए महंगी
ट्रम्प सरकार के बाद सोना-चांदी में लगातार तेजी बरकरार
अमेरिका में ट्रम्प सरकार के आने के बाद से जयपुर में सोने और चांदी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है
जयपुर। अमेरिका में ट्रम्प सरकार के आने के बाद से जयपुर में सोने और चांदी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से विभिन्न देशों से आयात पर टैरिफ लगाने से निवेशकों का ध्यान सुरक्षित निवेश की ओर आकर्षित किया है, जिससे कीमती धातुओं की मांग बढ़ी है। जयपुर सर्राफा बाजार में ट्रम्प के शपथ लेने के बाद से अब तक शुद्ध सोना 6,700 रुपए, जेवराती सोना 6,800 रुपए और चांदी 5,800 रुपए महंगी हुई। केंद्रीय बैंकों की बढ़ती खरीद: दुनिया की कई केंद्रीय बैंकों ने सोने की खरीदारी बढ़ाई है। इसकी कीमतों को मजबूती मिली है।
महंगे दामों से मध्यम वर्ग प्रभावित
भारतीय बाजार में सोने के रिकॉर्ड ऊंचे दामों के कारण आम ग्राहकों की मांग में कमी आई है। शादी-विवाह के सीजन में लोग अब हल्के वजन की ज्वैलरी खरीद रहे हैं। अधिक कीमतों के चलते मध्यम वर्गीय परिवारों का बजट प्रभावित हुआ है।
भारत में सोने का भंडार और मांग
भारत में हर साल सोने की मांग 700 से 1000 टन के बीच बनी रहती है। माना जाता है कि भारतीय घरों में लगभग 25,000 टन सोना मौजूद है, हालांकि इसके कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं।
2025 में सोना 3200 डॉलर तक जा सकता है!
वर्ष 2025 में सोने की कीमत 90,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक जाने की संभावना जताई गई थी, जो फरवरी 2025 में 89,000 रुपए के करीब कारोबार करता दिखा। चांदी भी एक लाख रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर के करीब, अभी जयपुर में 99 हजार रुपए प्रति किलो चांदी बिकी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि सोना 3,000 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर को पार करता है और वहां टिकता है, तो यह 2025 में 3,200 डॉलर तक पहुंच सकता है।
कम समय में आई तेजी
दिसंबर 2023 से मार्च 2025 तक महज 15 महीनों में सोने की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला है। इसका मुख्य कारण वैश्विक अनिश्चितता, महंगाई और निवेशकों का सुरक्षित संपत्ति की ओर रुझान माना जा रहा है।
क्या रहेगा आगे का ट्रेंड
विशेषज्ञों के मुताबिक, सोने की कीमतों में और तेजी आ सकती है। बदलते वैश्विक परिदृश्य और आर्थिक परिस्थितियों के चलते निवेशकों का झुकाव सोने की ओर बना हुआ है, जिससे इसकी कीमतों में आगे भी उछाल की संभावना जताई जा रही है।
एसएमएस बुलियन की डायरेक्टर कविता सोनी ने दिए सवालों के जवाब
1. ट्रम्प सरकार के कारण सोने-चांदी में तेजी क्यों आई?
अमेरिकी सरकार द्वारा विभिन्न देशों से आयात पर टैरिफ लगाने की नीति और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के रूप में सोने-चांदी की ओर रुख किया है।
2.भारत में सोने की मांग क्यों घटी?
महंगे दामों के चलते आम ग्राहकों की खरीदारी घटी है। शादी-ब्याह के सीजन में भी हल्के वजन की ज्वेलरी को प्राथमिकता दी जा रही है।
3. क्या सोने की कीमतें और बढ़ेंगी?
इंटरनेशनल मार्केट में अगर सोना 3,000 डॉलर प्रति औंस के ऊपर टिकता है, तो यह 3,200 डॉलर तक जा सकता है।
4.भारत में सोने का भंडार कितना है?
अनुमान के अनुसार, भारतीय घरों में 25,000 टन सोना हो सकता है, लेकिन इसके पुख्ता प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं।
क्या कीमतों में गिरावट आएगी?
यदि अमेरिका में आर्थिक मंदी का संकट गहराता है, तो ऊंचे स्तर से मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है, जिससे सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट संभव है।
कैलाश मित्तल, अध्यक्ष, सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी, जयपुर
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