सरकार अब निजी स्कूलों में भी विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने जा रही, छात्रों पर रहेगा फोकस
निजी स्कूलों को दिए जाएंगे निर्देश
राजस्थान सरकार अब निजी स्कूलों में भी विद्यार्थियों की उपस्थिति को अनिवार्य करने की दिशा में कदम उठा रही है
जयपुर। राजस्थान सरकार अब निजी स्कूलों में भी विद्यार्थियों की उपस्थिति को अनिवार्य करने की दिशा में कदम उठा रही है। शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने और छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों पर सीधा प्रभाव डालने के उद्देश्य से यह महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। सरकार का मानना है कि जब तक बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित नहीं की जाएगी, तब तक शिक्षा की गुणवत्ता को सुधार पाना कठिन होगा। अब तक यह प्रावधान मुख्यतः सरकारी स्कूलों में प्रभावी रूप से लागू था, लेकिन अब शिक्षा विभाग ने इसे निजी विद्यालयों में भी लागू करने की रूपरेखा तैयार की है। इसके तहत निजी स्कूलों को निर्देश दिए जाएंगे कि वे छात्रों की उपस्थिति पर सतत निगरानी रखें और अनावश्यक अनुपस्थिति की स्थिति में अभिभावकों को सूचित करें। शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इस कदम से विद्यार्थियों की पढ़ाई में नियमितता आएगी और उनका ध्यान शिक्षा पर केंद्रित रहेगा। इसके साथ ही, स्कूलों की जवाबदेही भी तय होगी।
बच्चों की शैक्षणिक प्रगति के लिए उपस्थिति एक महत्वपूर्ण कारक है और इसे किसी भी प्रकार से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला राज्य में शिक्षा के स्तर को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र भी अब इस नियम के दायरे में आकर पढ़ाई को लेकर अधिक गंभीर होंगे। साथ ही अभिभावक भी बच्चों की उपस्थिति को लेकर सजग रहेंगे। इसके अंतर्गत यह भी प्रस्तावित है कि स्कूलों को डिजिटल उपस्थिति रजिस्टर या ऑनलाइन रिपोर्टिंग सिस्टम अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे शिक्षा विभाग वास्तविक समय में उपस्थिति का आंकलन कर सकेगा।

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