हाईकोर्ट ने मेवाड़ विश्वविद्यालय से अतिरिक्त बीए पाठ्यक्रम को माना उचित, विभाग के आदेश को किया निरस्त
उचित करार देते हुए 14-4-2025 के आदेश को निरस्त कर दिया
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता पीआर मेहता, धीरेन्द्रसिंह सोढ़ा व कैलाश जांगिड़ ने 14-4-2025 के उस आदेश को चुनौती दी जिसके तहत याचिकाकर्ताओं द्वारा किए गए सर्टिफिकेट/अवकाश पाठ्यक्रम को किसी विषय में डिग्री पाठ्यक्रम के समकक्ष नहीं माना गया था।
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने मेवाड़ विश्वविद्यालय से प्राप्त अतिरिक्त बीए डिग्री कोर्स को वैध मानते हुए याचिकाकर्ताओं को वरिष्ठ अध्यापक पद पर पदोन्नत करने के आदेश को उचित करार देते हुए 14-4-2025 के आदेश को निरस्त कर दिया है। न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की एकल पीठ में याचिकाकर्ता अशोक कुमार व अन्य की ओर से याचिकाए पेश की गई। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता पीआर मेहता, धीरेन्द्रसिंह सोढ़ा व कैलाश जांगिड़ ने 14-4-2025 के उस आदेश को चुनौती दी जिसके तहत याचिकाकर्ताओं द्वारा किए गए सर्टिफिकेट/अवकाश पाठ्यक्रम को किसी विषय में डिग्री पाठ्यक्रम के समकक्ष नहीं माना गया था।
इसलिए याचिकाकर्ताओं को वरिष्ठ शिक्षक के पद पर पदोन्नति के लिए अयोग्य माना जाता है। याचिकाकर्ताओं को प्रतिवादी विभाग में शिक्षक ग्रेड के पद पर नियुक्त किया गया था। जब याचिकाकर्ता शिक्षक ग्रेड के रूप में कार्यरत थे तब उन्होंने अतिरिक्त विषय में बीए पाठ्यक्रम किया था। अतिरिक्त पाठ्यक्रम में स्नातक डिग्री पूरी करने के बाद प्रतिवादियों द्वारा याचिकाकर्ताओं को वरिष्ठ शिक्षक के पद पर पदोन्नति के लिए विचार किया गया और उन्हें उनके संबंधित विषयों में वरिष्ठ शिक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया। प्रतिवादियों को शिकायतें मिलने पर कारण बताओ नोटिस दिया गया।

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