मैं रवीन्द्र मंच हूं... मेरी भी कोई सुध ले लो, जिम्मेदारों की अनदेखी से रवीन्द्र मंच अपनी बेसिक सुविधाओं के लिए तरसा, दीवारें, मंच, टॉयलेट जैसी सुविधाओं के हालत खराब
छह-सात माह से एक ही बयान, जल्द होगा रिनोवेशन कार्य शुरू
रवीन्द्र मंच की टूटी-फूटी पड़ी दीवारें, मंच की लाइट्स, पर्दे, टॉयलेट जैसी मूलभूत सुविधाएं इसका दयनीय गाथा को बयां करने के लिए काफी है।
जयपुर। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते जयपुर का सांस्कृतिक केन्द्र कहा जाने वाला रवीन्द्र मंच वित्तीय प्रस्ताव की मंजूरी के बाद भी अपनी दयनीय स्थिति की गाथा बयां कर रहा है। जहां हाल ही में एक ओर राइजिंग राजस्थान को लेकर शहर में जगह-जगह सौन्दर्यीकरण का कार्य चले थे। वहीं मंच की ओर किसी का ध्यान नहीं गया। यहां आए दिन नाटकों की रिहर्सल चलती रहती है, लेकिन इन कलाकारों को रवीन्द्र मंच पर बेसिक सुविधा भी नहीं मिलने से कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। रवीन्द्र मंच की टूटी-फूटी पड़ी दीवारें, मंच की लाइट्स, पर्दे, टॉयलेट जैसी मूलभूत सुविधाएं इसका दयनीय गाथा को बयां करने के लिए काफी है।
सफाई की उचित व्यवस्था भी नहीं
मंच पर सफाई की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण कलाकारों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई कलाकारों का मानना है कि मंच पर कलाकारों के रिहर्सल हॉल की कमी है, जिससे काफी ग्रुप्स का रिहर्सल करने का टाइम टेबल सेट नहीं हो पाता है। साथ ही एक कैंटीन की सुविधा होनी चाहिए, जिससे कलाकारों को चाय, कॉफी के लिए मंच परिसर से बाहर ना जाना पड़े। मंच की बिल्डिंग अंदर और बाहर से काफी जगह से टूटने के साथ रंग उतर गया है। बाथरूम में नल और दरवाजे खराब होने के कारण भी कलाकारों को समस्याओं से जूझना पड़ता है।
सरकार ने 10 करोड़ का बजट दिया
यहां कलाकारों को मंच पर बेहतर सुविधाएं मिले, इसके लिए राज्य सरकार ने दस करोड़ का बजट दिया है। इससे मंच के बेहतर अपडेशन, डवलपमेंट और तकनीकों पर काम होना है, लेकिन पिछले छह-सात माह से जिम्मेदार एक दो महीनें में रिनोवेशन कार्य शुरू होने की गाथा बयां कर अपना बचाव करते हुए नजर आते है। इस बजट से मंच के पीछे की जगह पर बंद पड़ी 12 दुकानों को बेहतर ढंग से डवलप कर करीब 8 दुकानों को विजुअल आर्ट के कलाकारों को अपनी वर्कशॉप व स्टूडियो के लिए दिया जाएगा। कुछ दुकानों को फूड आउटलेट के लिए दिया जाएगा। दो चरणों में होने वाले इस रिनोवेशन कार्य के दौरान मंच पर जेकेके की तर्ज पर शिल्प ग्राम, विलेज हट और अलग से कैफेटेरिया बनाया जाएगा, ताकि यहां आने वाले कलाकारों और लोगों को बेहतर खानपान की सुविधा मिल सकेगी, लेकिन कलाकारों के मन में एक ही सवाल अब घूम रहा है कि ये सुविधाएं कब तक हमे मिलेगी।
इनका कहना है...
रवीन्द्र मंच का रिनोवेशन कार्य अगले मार्च माह तक शुरू होने की संभावना है। इसके लिए प्रोसेस चल रही है।
-प्रियंका राठौड़, मैनेजर, रवीन्द्र मंच
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