निगम की बैठक में न हंगामा और न शोर-शराबा, केवल मुद्दों पर बात : बच्चों ने पार्षद बनकर सफाई व्यवस्था और टूटी सड़कों पर उठाए सवाल
बेसहारा पशुओं को लेकर कई मुद्दे उठाए
इस दौरान जयपुर में नगर निगम हेरिटेज के 50 वाडोंर् से चुने गए बाल पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड की समस्याओं को निगम सभा के बाल सत्र में उठाया।
जयपुर। नगर निगम की सभा बेहद हंगामेदार होती है, लेकिन यह पहली बार हुआ कि सभा में न तो विरोध हुआ और ना ही शोर-शराबा। बच्चों ने पार्षद बनकर असली जनप्रतिनिधियों को बताया कि आखिर मुद्दों को कैसे सदन में रखा जाता है। शहरी सरकार में बच्चों की भूमिका बढ़ाने के लिए पहली बार नगर निगम हेरिटेज ने फ्यूचर सोसायटी और डिजिटल बाल मेला के साथ मिलकर बच्चों को बतौर बाल पार्षद निगम में सभा करने का मौका दिया। इस दौरान बाल पार्षदों ने कई मुद्दे बैठक में रखे। नगर निगम हेरिटेज के मुख्यालय में आयोजित हुई सभा के मुख्य अतिथि नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा, अध्यक्षता हेरिटेज निगम की महापौर कुसुम यादव ने की और विशिष्ट अतिथि निगम आयुक्त डॉ. निधि पटेल मौजूद रहीं।
इस दौरान जयपुर में नगर निगम हेरिटेज के 50 वाडोंर् से चुने गए बाल पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड की समस्याओं को निगम सभा के बाल सत्र में उठाया। इसमें बाल पार्षदों ने सफाई ने महिला सुरक्षा, इव-टीजिंग, खुले में पेशाब, टूटी सड़कों से शहर में हुए हालातों के साथ ही सफाई व्यवस्था, शराब की दुकानों के लेट तक खुलने से उत्पन्न हो रही स्थिति, सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों के साथ ही बेसहारा पशुओं को लेकर कई मुद्दे उठाए। इसकी शुरुआत में बाल पार्षदों ने अपना महापौर ठीक उसी तरह चुना, जैसे निगमों के महापौर चुने जाते हैं।

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