कन्हैयालाल केस में शाह ने भी बोला था झूठ : दोषियों को कब तक दिलाएंगे सजा, गहलोत ने कहा- परिवार और प्रदेशवासी मांग रहे हैं न्याय
5 साल के मुद्दे पर भजनलाल सरकार पर हमला बोला
अमित शाह के राजस्थान दौरे को लेकर अशोक गहलोत ने कन्हैयालाल हत्याकांड पर दोषियों को सजा दिलवाने पर सवाल पूछा है।
जयपुर। गृह मंत्री अमित शाह के राजस्थान दौरे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कन्हैयालाल हत्याकांड पर दोषियों को सजा दिलवाने पर सवाल पूछा है। साथ ही, गहलोत ने डेढ़ साल बनाम 5 साल के मुद्दे पर भजनलाल सरकार पर भी हमला बोला है।
अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि अमित शाह आ रहे है। आने पर स्वागत और उम्मीद है अच्छे फैसले करके जाएंगे, लेकिन जो कन्हैया लाल का हत्याकांड हुआ, वो ऐसी घटना थी, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। जिस तरह से मारा गया वह ऐसी मार्मिक घटना थी। 4 घंटे में हमने मुलजिम पकड़ लिए , उसके बाद भी केस नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी ने लिया हमने एतराज नहीं किया, क्योंकि वह राष्ट्रीय एजेंसी है। हमें लगा कोई और एंगल हो इसलिए हमने एतराज नहीं किया, लेकिन आज तीन साल हो गए हैं। एनआईए कोर्ट बैठती नहीं है, आज तक बयान एनआईए करवा नहीं पा रही है। परिवार और प्रदेशवासी न्याय मांग रहे हैं, क्योंकि वह घटना केवल एक परिवार नहीं, पूरे प्रदेश की थी। चुनाव में हमारे खिलाफ प्रोपोगंडा चलाया गया, दोनों बच्चों को नौकरी दी 50 लाख का पैकेज दिया फिर भी इस मामले को हमारे खिलाफ मुद्दा बनाया गया। भाजपा की ओर से झूठ बोला गया कि 5 लाख कन्हैयालाल के परिवार को दिए और 50 लाख मुस्लिम को दिए और यह झूठ बोलने वाले अमित शाह भी थे। हमारे चुनाव हारने का एक बड़ा कारण था। अब हमेशा आ रहे हैं आप प्रदेशवासियों को जवाब दें की क्यों नहीं अभी तक सजा नहीं हुई। राजस्थान सरकार की कोई एजेंसी देखती तो उन्हें अब तक सजा होकर रह जाती। कन्हैया लाल के परिवार को तीन साल हो गए हैं, कई फैसले 6 महीने में हो जाते हैं। फिल्म के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सोच समझकर ही फिल्म पर रोक लगाई होगी।
गहलोत ने भजनलाल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का आर्टिकल आया है, 5 साल बनाम डेढ़ साल। कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं, ऐसी सरकार का निकम्मापन- नकारापन मैंने अभी तक नहीं सुना। तीन साल बाद सरकार के बारे में लोग प्रतिक्रिया देते हैं कि काम नहीं हो रहे और करप्शन हो रहा है। ऐसी सरकार के मुखिया अगर यह दावा कर रहे हैं तो गजब की हिम्मत दिखा रहे हैं। अलवर के एक दलित लड़के को पूरा नंगा करके किडनैप करके नैनवां बूंदी ले जाया गया। इसका इतना खतरनाक वीडियो है, मैंने मेरी जिंदगी में पहली बार देखा ऐसा वीडियो की किडनैप करें और नंगा करके घर वालों को वीडियो भेज दे। ऐसी हिम्मत अगर किसी प्रदेश में हो तो फिर आप बताइए उसे प्रदेश का क्या हाल है। शाह के दौरे में भाजपा राज्यों में चेहरे बदलने की अटकलों पर कहा कि अभी भी यह चर्चाएं आ रही है कि 2-4 राज्यों में बीजेपी मुख्यमंत्री हटा सकती है। मैंने भी इसे देखकर कमेंट कर दिया था, जो एक कैजुअल कमेंट था। मैंने कोई षड़यंत्रकारी तो देखे नहीं की कौन षड्यंत्र कर रहा है, लेकिन सरकार को डेढ़ साल हुआ है अगर वह डेढ़ साल में सरकार बदलती है तो यह राज्य के इंटरेस्ट में नहीं होता। मुख्यमंत्री आवास में किसी अधिकारी के साथ धक्कामुक्की या मारपीट की घटनाओं की चर्चा पहले कभी हुई नहीं है। सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए, क्योंकि अगर सीएम की मौजूदगी में सीएमआर में ऐसी घटनाएं होती है मुझे पता नहीं घटना हुई है या नहीं लेकिन ऐसी घटना की चर्चा हो तो स्पष्टीकरण होना चाहिए।
आज़ादी के बाद अमीर-गरीब की खाई बढ़ती जा रही है, इसलिए जरूरी है कि जातिगत जनगणना हो जाए। हिंदुस्तान में मैन सबसे पहले 21 मई 2003 को मैने उठाया था कि बैकवर्ड इकोनॉमी क्लास को आरक्षण मिलना चाहिए। अब जाकर 2 साल पहले कानून बनकर आरक्षण मिल गया अब 50 प्रतिशत का आरक्षण का बेरीयर तो वैसे भी टूट गया है। राहुल गांधी भी किसी के खिलाफ नहीं वो गरीब सवर्ण के भी साथ है। राहुल गांधी की सोच पर जो आरएसएस वाले नेता है या अमित शाह ने जिस तरह बोला संसद में, राहुल गांधी चाहते है कि एसटी-एससी गरीब आगे बढ़े यही उनकी सोच है। ओबीसी के लोगों को ही मालूम ही नहीं की राहुल गांधी उनकी कितनी बड़ी बात उठा रहे है, लेकिन अब भी आशंका है कि बिहार चुनाव के बाद जातिगत जनगणना पर कोई दूसरा फैसला यह कर ले।

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