मनरेगा की तर्ज पर शहरों में शुरू होगी इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना : गहलोत
रोजगार गारंटी योजना’ लागू करने की अभिनव पहल की गई
अब तक इस योजना में लगभग 1.5 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया है। केंद्र सरकार और अन्य राज्यों को भी ऐसी योजना शुरू करनी चाहिए, ताकि शहरी लोगों को भी रोजगार मिल सके।
जयपुर। प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति तक रोजगार के अवसर पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरूआत 9 सितम्बर से करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर व्यक्ति को रोजगार मिले, इसी दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की तर्ज पर राज्य में ‘इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना’ लागू करने की अभिनव पहल की गई है। अब तक इस योजना में लगभग 1.5 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया है। केंद्र सरकार और अन्य राज्यों को भी ऐसी योजना शुरू करनी चाहिए, ताकि शहरी लोगों को भी रोजगार मिल सके।
बेरोजगार श्रमिकों को 100 दिन का रोजगार
स्वायत्त शासन विभाग के अनुसार इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के लिए तय 800 करोड़ के बजट का 213 निकायों में रोजगार के बदले दी जाने वाली राशि का आवंटन कर दिया है। इसमें दस नगर निगमों को 200 करोड़, 36 नगर परिषदों को 216 करोड़ और 167 नगरपालिकाओं को 334 करोड़ दिए गए है। योजना के तहत होने वाले कामों का चिह्निकरण कर लिया गया है।
4 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में 18 से 60 साल तक के करीब चार लाख लोगों को रोजगार मुहैया करवाया जाएगा, जिसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण किया गया है। योजना का संचालन स्थानीय निकायों के जरिए होगा, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर, असहाय एवं बेरोजगार परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान किया जाएगा। इसमें शहरों में आवारा पशुओं और गोशाला से संबंधित कामों को भी शामिल किया गया है।

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