गुड़ी पड़वा हिन्दू नव वर्ष का आरम्भ
चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या युगादि कहा जाता है।
इस दिन हिन्दु नववर्ष का आरम्भ होता है। गुड़ी का अर्थ विजय पताका होता है।
चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या युगादि कहा जाता है। इस दिन हिन्दु नववर्ष का आरम्भ होता है। गुड़ी का अर्थ विजय पताका होता है। कहा जाता है कि इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि का निर्माण किया था। इसमें मुख्यतया ब्रह्माजी और उनके द्वारा निर्मित सृष्टि के प्रमुख देवी.देवताओं का पूजन किया जाता है। इसी दिन से नया संवत्सर शुरू होता है। चैत्र ही एक ऐसा महीना है, जिसमें वृक्ष तथा लताएं पल्लवित व पुष्पित होती हैं। शुक्ल प्रतिपदा का दिन चंद्रमा की कला का प्रथम दिवस माना जाता है। जीवन का मुख्य आधार वनस्पतियों को सोमरस चंद्रमा ही प्रदान करता है। इसे औषधियों और वनस्पतियों का राजा कहा गया है। इसीलिए इस दिन को वर्षारम्भ माना जाता है।
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