पृथ्वीराज चौहान को लेकर नई बहस छिड़ी: अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा ने पृथ्वीराज चौहान को बताया गुर्जर
गुर्जर समाज के रूप में ही रेखांकित किया जाना चाहिए
अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के संरक्षक आचार्य वीरेंद्र विक्रम ने कहा कि पृथ्वीराज चौहान गुर्जर जाति के थे। ऐसे में पाठ्यक्रम में बदलाव होना चाहिए और उन्हें गुर्जर समाज के रूप में ही रेखांकित किया जाना चाहिए।
जयपुर। अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के संरक्षक आचार्य वीरेंद्र विक्रम ने कहा कि पृथ्वीराज चौहान गुर्जर जाति के थे। ऐसे में पाठ्यक्रम में बदलाव होना चाहिए और उन्हें गुर्जर समाज के रूप में ही रेखांकित किया जाना चाहिए। विक्रम ने कहा कि पृथ्वीराज चौहान गुर्जर समाज के परिवार से थे और वे शासक बने। इसकी पुष्टि चंदबरदाई रचित पुस्तक की पृथ्वीराज रासो करती है, जिसमें चंद्रबरदाई पृथ्वीराज चौहान की किताब मे गुर्जर के रूप में रेखांकित करते है।
वीरेंद्र ने कहा कि अब जो भी फिल्में बन रही है। उनमें पृथ्वीराज चौहान को राजपूत के रूप में दर्शाया गया है, जबकि उन्हें गुर्जर के रूप में दर्शाया जाना चाहिए। पाठ्यक्रम में बदलाव होना चाहिए और जितने भी फिल्में, पुस्तकें बनी है। उनमें उनकी जाति का उल्लेख गुर्जर समाज के तौर पर किया जाना चाहिए।

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