Jaipur Road Accident : डंपर ने 14 लोगों को देखते-देखते कुचल डाला, सड़क पर दौड़ते इन यमदूतों पर कैसे लगे लगाम?
डम्पर मालिक और चालक को होती उम्रकैद
डंपर ने जिस तरह जयपुर में 14 लोगों को देखते-देखते कुचल डाला, वैसा अगर जर्मनी में होता तो डंपर मालिक और चालक तत्काल गिरफ्तार हो जाते। मालिक और उसकी कंपनी के सारे खाते फ्रीज और परिसंपत्तियां कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती। इन्हें बेचकर सारा पैसा पीड़ित परिवारों में बांट दिया जाता और चालक और मालिक दोनों को होती उम्र कैद। जर्मनी दुनिया की दुनिया में सबसे सड़क सुरक्षा वाला देश माना जाता है।
जयपुर। डंपर ने जिस तरह जयपुर में 14 लोगों को देखते-देखते कुचल डाला, वैसा अगर जर्मनी में होता तो डंपर मालिक और चालक तत्काल गिरफ्तार हो जाते। मालिक और उसकी कंपनी के सारे खाते फ्रीज और परिसंपत्तियां कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती। इन्हें बेचकर सारा पैसा पीड़ित परिवारों में बांट दिया जाता और चालक और मालिक दोनों को होती उम्र कैद। जर्मनी दुनिया की दुनिया में सबसे सड़क सुरक्षा वाला देश माना जाता है। वहां ऐसे हादसों पर अदालत तत्काल सिविल सीजर के तहत सब तरह के खाते फ्रीज कर देती है। व्हीकल सेल, इंश्योरेंस क्लेम और बैंक एसेट की कुर्की शुरू हो जाती है। यह पैसा सीधे पीड़ितों के परिजनों को 'कंपनसेटरी ट्रांसफर' के रूप में दिया जाता है। राज्य इसमें केवल मिडलमैन होता है।
डंपर मालिक के साथ क्या होता
जर्मनी में सड़क दुर्घटना केवल चालक की गलती नहीं मानी जाती, जॉइंट लाइएबिलिटी ऑफ ओनर एंड ऑपरेटर यानी संयुक्त जवाबदेही है।
कानूनी कार्रवाई
मालिक पर 'कॉरपोरेट नेग्लिजेंस कॉजिंग डेथ' का केस दर्ज होता। अगर साबित हो जाए कि उसने ड्राइवर की फिटनेस टेस्ट, अल्कोहॉल टेस्ट या ब्रेक सिस्टम जांच नहीं कराई थी तो यह गंभीर लापरवाही (ग्रॉस नेग्लिजेंस) मानी जाती। डंपर मालिक को 5 से 10 साल की कैद तक की सजा तय है।
ड्राइवर के साथ क्या होता
ड्राइवर शराब के नशे में था और 14 लोगों की मौत हुई तो यह सिंपल एक्सीडेंट नहीं, मल्टिपल काउंट्स ऑफ 'इंटेंशनल होमिसाइड अंडर इन्फ्लुएंस' माना जाता।
सजा
10 से 15 साल तक की सजा तो न्यूनतम होती। ड्राइवर टक्कर जानबूझकर मारता ही गया तो उम्रकैद तय। ड्राइविंग लाइसेंस, इंश्योरेंस इलिजिबिलिटी, सोशल पेंशन, सब तुरंत रद्द।
जो मारे गए, उनके परिवारों को क्या मिलता
पूरा मुआवजा सिस्टम ऑटोमैटिक और इंश्योर्ड है। किसी को आवेदन नहीं देना पड़ता।
त्वरित राहत
सोशल एक्सीडेंट इंश्योरेंस फंड से 90 लाख से 1.3 करोड़ प्रति मृतक परिवार को 48 घंटे में मिल जाता। फ्यूनरल एक्सपेंसेज सरकार उठाती।
दीर्घकालिक राहत
पीड़ित के बच्चों को फ्री एजुकेशन और मंथली ऑर्फन पेंशन मिलती। जीवनसाथी को 'बेरीवमेंट पेंशन' (जीवनभर की सामाजिक पेंशन)। अगर मृतक टैक्स-पेयर था तो टैक्स रिफंड+एम्प्लॉयमेंट बेनिफिट परिवार को ट्रांसफर।
भावनात्मक क्षतिपूति
हर परिवार को औसतन 45 से 60 लाख मानसिक पीड़ा क्षतिपूर्ति के रूप में।
प्रॉपर्टी कुर्की और जब्ती प्रक्रिया
हां, जर्मनी में यह एक्स ऑफिशियो यानी स्वत:-प्रेरित प्रक्रिया होती है।
कोर्ट ड्राइवर और ओनर दोनों की संपत्ति को 'सिक्योर्ड एसेट्स' घोषित करती है।

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