देर रात तक चली कव्वाली की महफिल, साबरी बंधुओं ने बांधा समां
कुल की रस्म के साथ तीन दिवसीय उर्स का समापन
दरगाह सज्जादानशीन डॉ सैयद हबीबुर्रहमान नियाज़ी ने बताया कि पिछले 3 दिनों से दरगाह में उर्स मुबारक का आयोजन चल रहा था। पहले दिन शास्त्रीय भक्ति संगीत के साथ सूफियाना कलाम फनकारों ने पेश किया।
जयपुर। संसार चंद्र रोड स्थित मीरजी के बाद दरगाह स्थित हजरत सैयद महबूब उर रहमान नियाजी रहमतुल्लाह अलेह के छठा उर्स मुबारक कुल की रस्म के साथ संपन्न हुआ। बीती रात को देर रात तक जयपुर में रामपुर के मशहूर कव्वालो ने अपने कलाम पेश कर महफिल का जबरदस्त समा बांधा और लोगों से वाहवाही लूटी। शुरुआत जयपुर के बॉलीवुड फेम कव्वाल साबरी बंधुओं ने की। उन्होंने अपना कलाम जबरदस्त अंदाज में पेश किया। रामपुर के शाहिद एंड पार्टी ने भी लोगों का जबरदस्त अंदाज में दिल मोहा। शुक्रवार की दोपहर 2 बजे कुल की रस्म की अदायगी शुरू हुई। पहले कव्वाली का कार्यक्रम रखा गया और उसके बाद रंग गाया गया। दरगाह सज्जादानशीन डॉ सैयद हबीबुर्रहमान नियाज़ी ने बताया कि पिछले 3 दिनों से दरगाह में उर्स मुबारक का आयोजन चल रहा था। पहले दिन शास्त्रीय भक्ति संगीत के साथ सूफियाना कलाम फनकारों ने पेश किया। जोकि जयपुर के इतिहास में पहली बार हुआ था। दूसरे दिन कव्वाली की महफिल देर रात तक चली और अंत में कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन हुआ। इस दौरान अल्लाह ताला से दुआ की गई कि पूरी दुनिया में अमन कायम हो हमारे देश, प्रदेश, राजस्थान और शहर जयपुर में भाईचारा और आपसी सौहार्द कायम रहे। कोरोना जैसी महामारी से हर इंसान की हिफाजत हो। दरगाह जानशीन फेजु उर रहमान नियाजी ने कहा उर्स मुबारक पर देश भर से जायरीन दरगाह में पहुंचे और उन्होंने अपने-अपने अक़ीदत की चादर और फूल पेश किए और अपनी मुरादे और मन्नतें मांगी। कोरोना के 2 साल गुजर जाने के बाद उर्स में हजारों की संख्या में अकीदतमन्द दरगाह पर चादर में फूल पेश करने पहुंचे। इस बार दरगाह में सूफियाना कलाम के साथ भक्ति गायन कर रस भी लोगों को पेश किया और जयपुर में गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल कायम की।

Comment List