विधानसभाध्यक्ष ऐसे फैसले ले रहे, जो पद की निष्पक्षता पर खरे नहीं उतरते : गहलोत
विधायक नरेन्द्र बुढानिया को विशेषाधिकार समिति का अध्यक्ष बनाया
अब केवल 15 दिन बाद ही विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष के पद से हटा दिया। इन समितियों के अध्यक्ष का कार्यकाल सामान्यत: कम से कम एक वर्ष का होता है।
जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा अध्यक्ष पर आरोप लगाया है कि वे लगातार ऐसे फैसले ले रहे हैं, जिससे वो इस पद की गरिमा एवं निष्पक्षता की कसौटी पर खरे नहीं उतरते। गहलोत ने एक्स पर लिखा-पहले उन्होंने कांग्रेस के 6 विधायकों को निलंबित किया। इसके बाद पहली बार ऐसा हुआ कि मीडिया में आई अपुष्ट खबरों को लेकर सदन में चर्चा की और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा पर उनकी अनुपस्थिति में अवांछित टिप्पणी की, जो जनमत का अपमान थी। एक मई, 2025 को अंता से भाजपा विधायक को तीन साल कारावास की सजा होने के बावजूद 17 दिन बीत जाने पर भी उनकी सदस्यता रद्द नहीं की है, जबकि लिली थॉमस केस में सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि सांसद या विधायक को दो वर्ष की सजा होने पर उनकी सदस्यता सजा सुनाए जाने वाले दिन से ही रद्द हो जाएगी।
विधायक नरेन्द्र बुढानिया को विशेषाधिकार समिति का अध्यक्ष बनाया और अब केवल 15 दिन बाद ही विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष के पद से हटा दिया। इन समितियों के अध्यक्ष का कार्यकाल सामान्यत: कम से कम एक वर्ष का होता है। ऐसा विधानसभा में संभवत: पहली बार हुआ है कि 15 दिन में ही अध्यक्ष बदला गया हो।
Comment List