मानसून वृक्षारोपण का उचित समय : मदन राठौड़ ने भाजपा प्रदेश कार्यालय परिसर में लगा वृक्ष, कहा- अधिक से अधिक संख्या में लगाए पेड़
संचालित वर्षा जल संरक्षण अभियान से जुड़ने की अपील की
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भाजपा प्रदेश कार्यालय परिसर में अशोक के वृक्ष लगाकर प्रदेशवासियों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया
जयपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भाजपा प्रदेश कार्यालय परिसर में अशोक के वृक्ष लगाकर प्रदेशवासियों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। साथ ही राठौड़ ने आमेर रोड जलमहल के सामने पुराने काले हनुमान मंदिर परिसर में स्थित बावड़ी की साफ-सफाई कर जल स्त्रोतों के स्वच्छता अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान भाजपा महामंत्री श्रवण सिंह बगडी, विधायक बाल मुकुंदाचार्य, भाजपा नेता रवि नैय्यर, जिलाध्यक्ष अमित गोयल, पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल सहित स्थानीय कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
इस अवसर पर उन्होंने अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने का आह्वान किया तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान एवं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा संचालित वर्षा जल संरक्षण अभियान से जुड़ने की अपील की। राठौड़ ने कहा कि मानसून के आगमन के साथ ही पेड़ लगाने का सर्वाधिक उपयुक्त समय आ गया है। उन्होंने कहा कि “एक पेड़ लगाकर इतिश्री न करें, बल्कि व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण करें। ऐसे स्थानों का चयन करें जहां पेड़ों की कटाई की आवश्यकता न पड़े।” उन्होंने यह भी कहा कि मानसून के दौरान पौधारोपण में अपेक्षाकृत कम श्रम और समय लगता है, जिससे अधिक पौधों का रोपण संभव है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने आमजन से आह्वान किया कि वे ऐसे पौधे लगाएं जो न केवल पर्यावरण को लाभ दें बल्कि मानसून को भी आकर्षित करें। राठौड़ ने यह भी बताया कि कुछ स्थानों पर ऐसे पेड़ लगे हैं जो वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं, अतः ऐसे पेड़ों के उन्मूलन की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड ने जल संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि, “मानसून काल में वर्षा जल को संरक्षित करना अत्यंत आवश्यक है। टांकों, बावडी, तालाबों और खेतों में जल पहुंचाने वाले मार्गों को स्वच्छ रखें और उनमें किसी भी प्रकार का अवरोध न आने दें।” उन्होंने वर्षा जल तालाब तक जाने वाले मार्ग में अतिक्रमण न करने और वर्षा जल को अधिकतम संरक्षित करने की अपील की। गंगा एवं यमुना जैसी नदियों की स्वच्छता के लिए कई परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने जनता से अनुरोध किया कि वे नदी, तालाब में शव अथवा अन्य अपशिष्ट पदार्थ न डालें और जल स्रोतों की पवित्रता बनाए रखें।

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