तेल, दाल, आटा, मसाला उद्यमियों ने किया सद्बुद्धि यज्ञ
उद्यमियों और व्यापारियों ने यज्ञ में आहुति दी
भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल तथा राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के तत्वावधान में राजधानी कृषि उपज मंडी कूकर खेड़ा में सद्बुद्धि यज्ञ किया गया।
जयपुर। भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल तथा राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के तत्वावधान में राजधानी कृषि उपज मंडी कूकर खेड़ा में सद्बुद्धि यज्ञ किया गया। उपस्थित उद्यमियों और व्यापारियों ने यज्ञ में आहुति दी। राजस्थान के तेल मिल, आटा मिल, दाल मिल तथा मसाला उद्योग के उद्योगपत्ति ने प्रदेशभर में सद्बुद्धि यज्ञ किया। संघ के अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार पहले बाहर से आयात की गयी कृषि जिंस पर राजस्थान में मण्डी सेस तथा कृषक कल्याण फीस नहीं लगने का निर्णय नहीं करती है, तथा साथ ही पुरानी मीलों को नयी मीलों की तरह रिप्स में छूट नहीं देती है, तो राज्य की तेल मीले, आटा मीलें. दाल मीलें, मसाला उद्योग राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आंदोलन और तेज किया जाएगा। यदि फिर भी राज्य सरकार हमारी मांग नहीं मानती है, तो जयपुर में बड़ी सभा आयोजित की जायेगी, जिसमें आंदोजन की अग्रिम रूपरेखा तय की जायेगी। आवश्यक हुआ तो तेल, दाल. आटा, मसाला उद्योगों को बन्द भो किया जा सकता है, जिसकी सारी जिम्मेवारी राज्य सरकार की होगी।
भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि उद्यमियों और व्यापारियों में रोष बढ़ रहा है। सरकार रिप्स में नयी मीलों को प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करवाकर नये उद्योग लगाना चाहती है। परन्तु सभी उद्योगों के लिये राज्य के बाहर से दलहन, गेहूँ, तिलहन एवं मसाले आयात करने पर दुबारा गण्डी सेस तथा कृषक कल्याण फीस लेती हैं, जिसका उद्योगों पर वितरीत प्रभाव पडता है। पैरिटी नहीं आने के कारण पुरानी मीलें बन्द होती जा रही है। इसलिये आवश्यक है कि आयातित कृषि जिन्स पर राज्य में मण्डी सेस तथा कृषक कल्याण फीस नहीं लगायी जायें। नयी मीलों की तरह पुरानी मीलों को भी रिप्स में छूट दी जायें तथा अन्य दी जाने वाली सब्सिडी भी पुरानी मीलों को उपलब्ध करवायी जायें। दाल मिल उद्यमी पवन अग्रवाल और ऋषभ अग्रवाल ने बताया कि यह उद्योग हित में, किसान के हित में तथा उपभोक्ताओं के हित में है।
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