ओयो पर 22 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी करने का आरोप : जयपुर की कंपनी ने गुड़गांव के ओयो ग्रुप के खिलाफ एफआईआर कराई दर्ज
कारण बताओ नोटिस हुआ जारी
पुलिस ने बीएनएस 2023 की धारा 318(4), 316(2), 336(2) और 61(2) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
जयपुर। झूंठे दस्तावेजों से करीब 22 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया हैं। इसको लेकर जयपुर की कंपनी साबू सोडियम क्लोरो लिमिटेड के निदेशक मदन सिंह जैन की रिपोर्ट पर गुड़गांव स्थित ओरावेल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड (ओयो कंपनी) के कर्ताधर्ताओं खिलाफ जयपुर के अशोक नगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई हैं। पुलिस ने बीएनएस 2023 की धारा 318(4), 316(2), 336(2) और 61(2) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच थानाधिकारी कृष्ण कुमार कर रहे है।
साबू सोडियम क्लोरो लिमिटेड के निदेशक मदन सिंह जैन ने रिपोर्ट में बताया है कि वह समस्कारा रिसोर्ट का संचालन करता है, जो गेस्टो को रूम सर्विस की सुविधा ऑनलाइन एवं वोकिंग के माध्यम से प्रदान करता है। इस सुविधा को लेकर समस्कारा रिसोर्ट एवं पैलेट रिसोर्ट (ओरावेल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड) के बीच एक साल के लिए 18 अप्रैल 2019 को एक एग्रीमेंट हुआ। इस एग्रीमेंट के तहत ओयो की ओर से बुकिंग दी जाती रही। एक साल बाद एग्रीमेंट समाप्त हो गया और उसे बढ़ाया भी नहीं गया।
मामले में इनको बनाया गया आरोपीसाबू सोडियम क्लोरो लिमिटेड (समस्कारा रिसोर्ट) के निदेशक मदन सिंह जैन ने ओयो कंपनी
(ओरावेल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड) के निदेशक रितेश अग्रवाल, आदित्य घोष, वेजुल सौमेया, विलियम स्टीव अल्ब्रक्ट, ट्रॉय मैथ्यू एल्स्टेड, दीपा मलिक और कंपनी प्रबंधक अभिनव सिन्हा, सीएफओ राकेश कुमार, कंपनी सेक्रेटरी शिवकुमार और अकाउंटेंट अंकित अग्रवाल तथा कंपनी की जयपुर शाखा के मैनेजर कल्पतरु शर्मा को आरोपी बनाया हैं।
कारण बताओ नोटिस जारी हुआ
जैन ने बताया कि पिछले साल 25 जुलाई को जीएसटी डिपार्टमेंट की ओर से साबू सोडियम क्लोरो लिमिटेड को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ, तो पता चला कि ओयो कंपनी की ओर से खुद का वार्षिक टर्न ओवर बढ़ाने के लिए समस्कारा रिसोर्ट के नाम से हजारों की संख्या में झंठी बुकिंग कर ली। यहीं नहीं ओयो कंपनी की तरफ से जीएसटी डिपार्टमेंट को भी झंठी और गलत जानकारियां दी। ओयो ने वित्तीय वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 और 2020-21 यानी कि तीन सालों का फर्जी और गलत रिपोर्ट पेश किया। जबकि दोनों पक्षों के बीच हुआ एग्रीमेंट 20 अप्रैल 2020 तक ही था। ओयो कंपनी ने केवल वर्ष 2019-20 में 10 लाख 95 हजार 798 रुपए का भुगतान किया था, जिसका जीएसटी उसी समय जमा करा दिया गया था। आरोप है कि ओयो ने 22 करोड़ 22 लाख 51 हजार 983 रुपए का झूंठा बिजनेस बताकर धोखाधड़ी की है। इस बिजनेस का जीएसटी दो करोड़ 66 लाख 70 हजार 238 रुपए बनता है।
इनका कहना है...
ओयो कंपनी (ओरावेल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड) पर जो आरोप लगाए गए हैं, वे पूरी तरह गलत है। जांच में सब कुछ सामने आ जाएगा। पुलिस जब भी रिकॉर्ड मांगेगी, उसे उपलब्ध करा दिया जाएगा।
-कल्पतरु शर्मा,
ओयो कंपनी जयपुर शाखा मैनेजर
इस संबंध में बुधवार को ही मामला दर्ज हुआ है। इस्तगासा के जरिए दर्ज कराई गई एफआईआर में गलत दस्तावेजों से 22 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस करने का आरोप लगाया गया है। दोनों तरफ से दस्तावेज लेकर जांच की जाएगी।
-कृष्णकुमार, थानाधिकारी,
अशोक नगर, जयपुर शहर दक्षिण

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