थिएटर आर्टिस्ट की नजर में पोमोडोरो तकनीक मानसिक फिटनेस का नया उपाय
परफॉर्मेंस के समय शरीर और मन दोनों एक्टिव
इसी संदर्भ में शहर के युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही पोमोडोरो तकनीक थिएटर आर्टिस्ट्स और एक्टर्स के लिए भी बेहद कारगर साबित हो रही है।
जयपुर। जयपुर जैसे सांस्कृतिक शहर में थिएटर और परफॉर्मिंग आर्ट्स के क्षेत्र में काम करने वाले कलाकारों के लिए आज का दौर केवल मंच पर अभिनय तक सीमित नहीं है। अब कलाकारों को अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी उतना ही ध्यान देना पड़ता है, जितना कि स्क्रिप्ट, रिहर्सल और परफॉर्मेंस पर। इसी संदर्भ में शहर के युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही पोमोडोरो तकनीक थिएटर आर्टिस्ट्स और एक्टर्स के लिए भी बेहद कारगर साबित हो रही है।
एक थिएटर आर्टिस्ट के रूप में, रोजाना लंबे समय तक संवाद याद करना, भाव-भंगिमा पर काम करना और मंच पर निरंतर ऊर्जा बनाए रखना मानसिक और शारीरिक चुनौती है। ऐसे में लगातार अभ्यास या स्क्रिप्ट वर्क के दौरान थकावट और एकाग्रता की कमी महसूस होना स्वाभाविक है। पोमोडोरो तकनीक, जिसमें 25-30 मिनट फोकस के साथ काम और फिर 5 मिनट का ब्रेक शामिल है ने कलाकारों को इस थकावट से उबरने और क्रिएटिव एनर्जी बनाए रखने में मदद की है। कई युवा कलाकारों ने बताया कि शॉर्ट ब्रेक्स में वे स्ट्रेचिंग, फिजिकल एक्सरसाइज या माइंडफुलनेस जैसी गतिविधियों को शामिल करते हैं, जिससे परफॉर्मेंस के समय शरीर और मन दोनों एक्टिव रहते हैं।
अब कलाकारों को अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी उतना ही ध्यान देना पड़ता है जितना कि स्क्रिप्ट, रिहर्सल और परफॉर्मेंस पर। आजकल के एक्टर्स शूटिंग के दौरान कुछ समय का ब्रेक लेते हैं।
-विवेक शर्मा (बॉलीवुड कास्टिंग डायरेक्टर)
बच्चे (चाइल्ड एक्टर अर्विक) को बचपन से ही एक्टिंग-डांस का क्रेज रहा है। इस लिए उसे पढ़ाई के साथ ही एक्टिंग-डांस की क्लास समय-2 पर करवाती हूं। पढ़ाई के साथ ही एक्टिंग-डांस के बीच-बीच में ब्रेक देती हूं।
-अर्चना अग्रवाल (एचकेएफएस शो फाउंडर)

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