तेज गर्मी से बढ़ रहा बिजली उपभोग, इसी महीने 20 हजार मेगावाट पहुंच सकती है पीक डिमांड
बिजली खरीद की वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी कर ली गई हैं
कंपनियों की टैरिफ याचिकाओ में बिजली उपभोग शुल्क करीब छह रुपए प्रति यूनिट करना प्रस्तावित कर दिया है, जो अभी करीब 4.75 रुपए प्रति यूनिट है।
जयपुर। राजस्थान में प्रचंड गर्मी के चलते बिजली की डिमांड बढ़ने लगी है। यह पिछले साल की तुलना में करीब 20 प्रतिशत ज्यादा बनी हुई है। डिमांड बढ़ने से बिजली कंपनियों की चिंता भी बढ़ने लगी है। पिछले तीन दिन में बिजली आपूर्ति में करीब 200 लाख यूनिट की बढ़ोतरी हुई है। राजस्थान डिस्कॉम प्रशासन बिजली डिमांड और सप्लाई में फिलहाल जारी अंतर को साधने में जुटा हुआ है। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोड शेडिंग के चलते उपभोक्ताओं को दो से चार घंटे की अघोषित कटौती झेलनी पड़ रही है तो छोटे शहरी क्षेत्रों में एक से दो घंटे की अघोषित कटौती जारी है। बिजली डिमांड के बीच प्रदेश में बिना कटौती के करीब 3500 लाख यूनिट बिजली सप्लाई की जा रही है। फिलहाल डिमांड सप्लाई में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है, लेकिन भीषण गर्मी के चलते घरेलू सहित कॉमर्शियल बिजली उपभोक्ताओं की डिमांड अगले सप्ताह तक बढ़ सकती है।
डिमांड बढ़ने के कारण बिजली कंपनियों का अंदाजा है कि गर्मी का प्रभाव बढ़ने से इस महीने या अगले महीने में डिमांड 20 हजार मेगावाट तक पहुंच सकती है। तेज गर्मी के कारण कई थर्मल पावर प्लांट भी हांफने लगे हैं, जिनकी मरम्मत कराई जा रही है। वहीं, बिजली कंपनियों ने सोलर, विंड एनर्जी सहित एक्सचेंज के तहत बिजली खरीद की व्यवस्था के इंतजाम भी तेज कर दिए हैं।बिजली अधिकारियों का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्रों में शाम के समय पीक डिमांड और घरेलू कनेक्शनों में दोपहर के समय डिमांड बढ़ने लगी है। ऊर्जा विभाग प्रयास कर रहा है कि गर्मी में कम उत्पादन वाली इकाइयों को जल्दी शुरू कर उत्पादन बढ़ाया जाए। साथ ही, बिजली संकट की स्थिति में बिजली खरीद की वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी कर ली गई हैं।
आम जनता ने बिजली टैरिफ में सुझाव के लिए नहीं दिखाई रुचि, बढ़ सकता है बिल
बिजली कंपनियों की टैरिफ याचिकाओं पर सोमवार को सुझाव के अंतिम दिन तक आम लोगों ने सुझाव देने में बहुत ज्यादा रुचि नहीं दिखाई। अब विद्युत विनियामक आयोग इन आपत्ति-सुझावों का निस्तारण कर टैरिफ याचिकाओं पर जल्दी निर्णय लेगा। हालांकि आपत्तियों और सुझावों की संख्या कम होने से उपभोक्ताओं को बिजली बिलों में जल्दी करंट लग सकता है। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली कंपनियों की टैरिफ याचिकाओं पर आमजन से 19 मई तक आपत्ति-सुझाव मांगे थे। पिछले सालों की तरह इस साल भी आम जनता ने आपत्ति और सुझाव देने में कम रुचि दिखाई। केवल कुछ विशेषज्ञों, कंपनियों और राजनीतिक लोगों के सुझाव आयोग के पास पहुंचे हैं। अब आयोग के आपत्ति-सुझाव के निस्तारण करने के बाद जल्दी ही बढ़ी हुई दरों वाली टैरिफ याचिकाओं को मंजूरी मिल सकती है।
ऐसे बढ़ सकता है बिजली बिल: कंपनियों की टैरिफ याचिकाओ में बिजली उपभोग शुल्क करीब छह रुपए प्रति यूनिट करना प्रस्तावित कर दिया है, जो अभी करीब 4.75 रुपए प्रति यूनिट है। बढ़ी दरों का प्रभाव सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं पर आएगा।

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