राजस्थान ने तोड़ा रिकॉर्ड : केसीसी योजना में छलांग किसानों को 1.12 लाख करोड़ रुपए का कर्ज
आंकड़ों की कहानी नहीं, किसानों की जिंदगी बदलने वाला क्रांतिकारी कदम
पशुपालन और डेयरी को बढ़ावा- चारा, दवाओं और ढांचागत जरूरतों के लिए भी केसीसी का इस्तेमाल हो रहा है।
जयपुर। किसान के्रडिट कार्ड (केसीसी) योजना ने राजस्थान में किसानों की जिंदगी बदल दी है। वर्ष 2021 से लेकर 2025 तक राज्य में न केवल लाभार्थियों की संख्या में तेजी आई, बल्कि कुल ऋण राशि ने भी नया रिकॉर्ड बनाया। ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च 2021 तक जहां 66.15 लाख किसान इस योजना से जुड़े थे, वहीं 31 मार्च 2025 तक यह संख्या बढ़कर 71.27 लाख तक पहुंच गई। इसी अवधि में ऋण वितरण राशि 84,637 करोड़ से बढ़कर 1,12,364 करोड़ हो गई। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से उपलब्ध कराए गए तथ्यों के अनुसार राजस्थान की ये परफोर्मेंस केवल आंकड़ों की कहानी नहीं, बल्कि किसानों की जिंदगी बदलने वाला क्रांतिकारी कदम है। करोड़ों का प्रवाह सीधे किसानों के हाथ में पहुंचने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त हुई है।
केसीसी का असर
फसल निवेश में आसानी- किसानों को अब खाद, बीज, कीटनाशक और मजदूरी के लिए महंगे साहूकारी कर्ज पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।
पशुपालन और डेयरी को बढ़ावा- चारा, दवाओं और ढांचागत जरूरतों के लिए भी केसीसी का इस्तेमाल हो रहा है।
महिलाओं-युवाओं की भागीदारी- बड़ी संख्या में महिलाएं और युवा किसान इस योजना से जुड़कर छोटे कारोबार और आधुनिक खेती में कदम रख रहे हैं।
बाजार में मजबूती- नकदी संकट से राहत मिलने पर किसान अब मंडियों में अपनी उपज उचित मूल्य मिलने तक रोककर बेच पा रहे हैं।
प्रदेशभर की केसीसी उपलब्धियां
5 साल में कुल ऋण राशि में 47,500 करोड़ से अधिक का उछाल,
हर साल नए किसान जुड़े,
किसानों को साहूकारों से मिली बड़ी राहत,
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नकदी का प्रवाह तेज हुआ
विशेषज्ञों की राय
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि राजस्थान में केसीसी योजना की तेजी ने किसानों की क्रय शक्ति और निवेश क्षमता दोनों बढ़ाई है। अगर यह रफ्तार जारी रही तो अगले पांच वर्षों में राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में कृषि उत्पादकता और रोजगार के अवसरों में भारी बढ़ोतरी होगी।

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