राजेंद्र राठौड़ हारते-हारते बचे थे पिछले चुनाव में 

राठौड़ महज 1850 वोट से जीते

राजेंद्र राठौड़ हारते-हारते बचे थे पिछले चुनाव में 

राठौड़ हार ही जाते अगर उनके तारणहार बनकर तीन मुस्लिम उम्मीदवार नहीं आए होते तो। असगर खान को 1053, सलीम गुर्जर को 1347 और यूनुस खान को 1209 वोट मिले। यानी 3609 वोट मुस्लिम उम्मीदवारों को नहीं जाते तो राठौड़ 1759 वोटों से हार जाते।

2018 के विधानसभा चुनाव में अब के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ हारते-हारते बचे थे। भाजपा के वे उम्मीदवार थे और सामने थे काँग्रेस के रफीक मंडेलिया। राठौड़ को मिले 87,233 वोट और मंडेलिया को 85,383 वोट। यानी राठौड़ महज 1850 वोट से जीते। वे हार ही जाते अगर उनके तारणहार बनकर तीन मुस्लिम उम्मीदवार नहीं आए होते तो। असगर खान को 1053, सलीम गुर्जर को 1347 और यूनुस खान को 1209 वोट मिले। यानी 3609 वोट मुस्लिम उम्मीदवारों को नहीं जाते तो राठौड़ 1759 वोटों से हार जाते। इस सीट पर नोटा के वोट भी 1816 पड़े थे। लेकिन राठौड़ की यह खूबी है कि वे वोटों के प्रति बहुत सजग हैं और ग्राउंड की पकड़ तो उनकी अच्छी है ही। 

Post Comment

Comment List

Latest News

पहले झुकी और अगले ही पल चूमने लगी जमीन, तेज हवा से तिनके की तरह उड़ गई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की रेप्लिका, मूर्ति के गिरते ही मची भगदड़ पहले झुकी और अगले ही पल चूमने लगी जमीन, तेज हवा से तिनके की तरह उड़ गई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की रेप्लिका, मूर्ति के गिरते ही मची भगदड़
ब्राजील के गुआइबा शहर में सोमवार, 15 दिसंबर 2025 को आए तेज आंधी-तूफान ने भारी तबाही मचाई। इस दौरान लगभग...
नेशनल हेराल्ड मामला: अदालत ने गांधी परिवार को एफआईआर की कॉपी देने से किया इनकार
UNSC में भारत की पाकिस्तान का दो टूक, कहा-जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न हिस्सा थे और रहेंगे…’ सिंधु जल संधि और इमरान खान को लेकर बोला तीखा हमला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इथियोपिया के आधिकारिक दौरे पर, इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
सोनिया गांधी ने उठाया संसद में महिला कर्मियों का मुद्दा, मानदेय बढाने और सामाजिक सुरक्षा की मांग की
ग्लोबल वायदा बाजार की नरमी के असर : दोनों कीमती धातुओं में गिरावट, जानें क्या है भाव
विपक्ष के विरोध के बीच "बीमा विधि संशोधन विधेयक-2025" लोकसभा में पेश