रामगढ़ बांध : दो ड्रोन उड़ाए, दूसरा क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन सफल
नदियों में पानी आया फिर भी बांध का पैंदा रीता
राज्य व जिले में भारी बरसात के चलते बाढ़ आ रही है, वहीं दूसरी ओर नदी नाले में हुए अतिक्रमण व अवरोधकों के चलते रामगढ़ बांध अब भी प्यासा ही नजर आ रहा है।
जमवारामगढ़। रामगढ़ बांध पर बुधवार को कृत्रिम बरसात करवाने के लिए कृषि विभाग से अनुबंधित कम्पनी एक्सल-1 इंक ने क्षेत्रीय साझेदार जेएनएक्सएआई के सहयोग दूसरा क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन किया। ग्लोबल क्लाइमेट इंजीनियरिंग कंपनी एक्सल-1 इंक ने रामगढ़ गढ़ झील क्षेत्र में लगातार दूसरा क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन सफलता पूर्वक पूरा किया। यह ऑपरेशन ड्रोन व एआई तकनीक की मदद से किया गया। यह मिशन 1 सितम्बर को किए गए पहले ऑपरेशन के बाद किया गया है, जो राजस्थान में सूखा-रोधी क्षमता को बढ़ाने के लिए उन्नत जल प्रबंधन तकनीकों को अपनाने के लिए किया गया है। एक्सल-1 इंक के चीफ क्लाइमेट साल्यूशन अधिकारी शशांक तामन ने बताया कि क्लाउड सिडिंग के लिए दो ड्रोन से सिडिंग एजेंट छोड़ा गया। जिससे क्लाउड सिडिंग शूरू हुई।
कुछ देर बाद ही रामगढ़ झील और आस-पास के क्षेत्रों में प्राकृतिक वर्षा दर्ज की गई। इस कारण, क्लाउड सीडिंग के प्रभाव को पूरी तरह से अलग करके मापना संभव नहीं रहा। मौसम वैज्ञानिक शशांक तामन के अनुसार प्राकृतिक बरसात होने से क्लाउड सिडिंग ऑपरेशन को स्थगित कर दिया गया। कम्पनी सितम्बर माह में लगातार क्लाउड सिडिंग का कार्य करेगी।
नदियों में पानी आया फिर भी बांध का पैंदा रीता
राज्य व जिले में भारी बरसात के चलते बाढ़ आ रही है, वहीं दूसरी ओर नदी नाले में हुए अतिक्रमण व अवरोधकों के चलते रामगढ़ बांध अब भी प्यासा ही नजर आ रहा है। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता रवि खोलिया के अनुसार बुधवार को शाम रामगढ़ बांध पर शाम पांच बजे तक 48 एमएम बरसात दर्ज की गई। इसके अलावा इस मानसून में अब रामगढ़ बांध पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों से मिले आंकड़ों के अनुसार इस मानसून में अब तक 939 एमएम यानि 36.96 इंच बरसात दर्ज की जा चुकी है। क्षेत्र में बुधवार हुई तेज बरसात के चलते आसपास के नालों व झरनों का पानी रामगढ़ बांध के गेज तक पहुंचा है।

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