सड़कों पर सरपट दौड़ती ‘उम्मीद की जर्जर गाड़ियां’, बसों की कमी से जूझ रहा रोडवेज और जेसीटीएसएल प्रशासन

कंडम बसों के सहारे यात्रियों की जिंदगी, कई रूट बंद, निजी वाहनों को अप्रत्यक्ष बढ़ावा

सड़कों पर सरपट दौड़ती ‘उम्मीद की जर्जर गाड़ियां’, बसों की कमी से जूझ रहा रोडवेज और जेसीटीएसएल प्रशासन

वर्तमान में राजस्थान रोडवेज के पास करीब 3100 बसें हैं, जिनमें से 825 अनुबंधित हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि 2022-23 में ही करीब 1100 बसें कंडम हो चुकी हैं

जयपुर। राजस्थान की सड़कों पर जो बसें आपको रोज दिखाई देती हैं, उनमें से सैकड़ों ऐसी हैं जो तकनीकी रूप से कंडम घोषित हो चुकी हैं, लेकिन मजबूरीवश अब भी रूट पर दौड़ रही हैं। राजस्थान रोडवेज और जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (जेसीटीएसएल) के पास बसों की भारी कमी है और इसी के चलते बसों की मरम्मत की गई पुरानी बसें दोबारा सड़कों पर उतार दी गई हैं। वर्तमान में राजस्थान रोडवेज के पास करीब 3100 बसें हैं, जिनमें से 825 अनुबंधित हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि 2022-23 में ही करीब 1100 बसें कंडम हो चुकी हैं, फिर भी इन्हें मरम्मत कर दोबारा रूट पर दौड़ा दिया गया है। केवल 160 ऐसी बसें हैं, जिन्हें तकनीकी कारणों से आफ रूट किया गया है। इसी तरह जेसीटीएसएल के पास टोडी और बगराना डिपो में सिर्फ 200 बसें हैं, जिनमें से सभी सितंबर-2025 तक कंडम घोषित होने की कगार पर हैं।

चालक-परिचालक की दोहरी जिम्मेदारी
जेसीटीएसएल में कई बसें ऐसी हैं जिनके ब्रेक या सस्पेंशन पुराने हैं। जिम्मेदारी हमारी है, लेकिन संसाधन नहीं। अगर कोई हादसा हो जाए तो सारा दोष कर्मचारी पर आ जाता है। रोडवेज और जेसीटीएसएल प्रशासन की ओर से बनाए गए नियम के अनुसार आठ साल या आठ लाख किलोमीटर के बाद बस को कंडम घोषित कर नीलाम होनी चाहिए। लेकिन जब बसों की कमी के चलते इन्हें रिपेयरिंग कर पुन: रूट पर चलाया जा रहा है। इसी प्रकार बसों की उपलब्धता कम होने से न केवल ग्रामीण क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि निजी वाहनों और टैक्सियों का बोलबाला बढ़ गया है। प्रशासन का कहना है कि नई बसों के टेंडर जारी हो चुके हैं और जल्द ही पुरानी बसों को हटाकर नई गाड़ियां रूट पर लाई जाएंगी। लेकिन तब तक यात्रियों को रोज उन बसों में यात्रा करनी होगी जो अपनी उम्र पूरी कर चुकी हैं।

सरकार की मजबूरी या नीति की चूक
एक समय था जब राजस्थान रोडवेज के पास 5000 बसें थीं और हर गांव इससे जुड़ा था, लेकिन 2005 से 2010 के बाद बसों की खरीद थमी और परिणामस्वरूप कई रूटों से बसें हटानी पड़ीं। ग्रामीणों के लिए ये रूट जीवनरेखा थे, अब ये बंद हो चुके हैं। सरकार अब 500 नई एक्सप्रेस बसों की खरीद कर रही है और 800 अनुबंधित बसें (जिनमें 300 इलेक्ट्रिक शामिल) लाने की योजना भी है। साथ ही जेसीटीएसएल की ओर से 300 नई सीएनजी बसें लाने की योजना है। 

Tags:  

Post Comment

Comment List

Latest News

पंजाब-हरियाणा में नहीं जली पराली : फिर भी दिल्ली में प्रदूषण, आप ने कहा- भाजपा के सत्ता में रहने के बावजूद स्थिति और खराब  पंजाब-हरियाणा में नहीं जली पराली : फिर भी दिल्ली में प्रदूषण, आप ने कहा- भाजपा के सत्ता में रहने के बावजूद स्थिति और खराब 
राज्यों में पराली जलाने की कोई घटना सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण का स्तर ऊंचा बना हुआ...
मुरलीपुरा थाना पुलिस की कार्रवाई : व्यापारी से एक करोड़ की रंगदारी मांगने वाला बदमाश गिरफ्तार, वसूली का काम करता है आरोपी
कांग्रेस नेताओं के बयान पर भजनलाल शर्मा का पलटवार : पार्टी के झूठ और लूट ने उसे धरातल पर ला दिया, कहा- अपने कर्म पर ध्यान नहीं देते ये लोग 
प्रॉपर्टी कारोबारी की स्कॉर्पियो जलाने की साजिश : सीसीटीवी में कैद बदमाशों की करतूत, पेट्रोल डालकर गाड़ी में लगाई आग 
आप ने भाजपा की चुनावी धांधली को लेकर कांग्रेस की चुप्पी पर उठाए सवाल : सिर्फ अपनी पार्टी के लिए बोलते हैं राहुल गांधी, सौरभ भारद्वाज ने दी इन आरोपों पर बोलने की चुनौती
बेघरों के लिए ढाल बनी सरकार : आश्रय स्थलों का खड़ा किया मजबूत नेटवर्क, रैन बसेरों से 21 हजार से अधिक लोगों को मिल रहा सहारा
कांग्रेस ने संजय गांधी को दी श्रद्धांजलि, नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चित्र पर अर्पित किए पुष्प