सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती : यमुना प्रवाह यात्रा पहुंची हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय, संवाद कार्यक्रम में बोले प्रो पांडेय- किसानों और वंचितों के अधिकारों के संरक्षक थे सरदार पटेल
शिक्षकों और अधिकारियों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की
देश के प्रथम उप-प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री और महान स्वतंत्रता सेनानी सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में देशभर में चल रहे ‘यूनिटी मार्च’ के तहत जयपुर से रवाना हुई यमुना प्रवाह यात्रा बुधवार को दहमीकलां स्थित हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय परिसर पहुंची। विश्वविद्यालय में यात्रा में शामिल जनप्रतिनिधियों का विद्यार्थियों के साथ संवाद कार्यक्रम रखा गया था।
जयपुर। देश के प्रथम उप-प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री और महान स्वतंत्रता सेनानी सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में देशभर में चल रहे ‘यूनिटी मार्च’ के तहत जयपुर से रवाना हुई यमुना प्रवाह यात्रा बुधवार को दहमीकलां स्थित हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय परिसर पहुंची। विश्वविद्यालय में यात्रा में शामिल जनप्रतिनिधियों का विद्यार्थियों के साथ संवाद कार्यक्रम रखा गया था। इस दौरान अपने संबोधन में कुलगुरु प्रो. नन्द किशोर पांडेय ने कहा कि सरदार पटेल जीवनभर किसानों और वंचितों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे। संविधान निर्माण में भी उनकी प्रमुख भूमिका थी। देसी रियासतों का विलय करवाकर उन्होंने अखंड भारत के निर्माण में सबसे बड़ा योगदान दिया। प्रो.पांडेय ने कहा कि हिन्दी को राजभाषा के रूप में मान्यता दिलाने और प्रशासनिक सुधारों और प्रशासनिक संस्थाओं के निर्माण में भी उनके योगदान को देश कभी नहीं भूल पाएगा।
इससे पूर्व जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा लंबा सफर तय कर गुजरात में स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी पर जाकर संपन्न होगी। विधायक कैलाश वर्मा भी कार्यक्रम उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के योगदान को देश कभी भुला नहीं सकता। यात्रा में भाग ले रहे युवाओं से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता को तोड़ने की साजिश करने वाली शक्तियों से सावधान रहने की आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन विश्वद्यालय के अकादमिक एवं प्रशासनिक समन्वयक डॉ. रतन सिंह शेखावत ने किया। कार्यक्रम में यात्रा के संयोजक विनीत त्यागी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे। विश्वविद्यालय के शिक्षकों और अधिकारियों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।

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