पंचायतों से जल संसाधन विभाग को हस्तांतरित हुए 3236 बांधों की सुरक्षा राम भरोसे, मानसून में बढ़ा खतरा
बारिश के दौरान किसी भी अनहोनी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता
पंचायतों से जल संसाधन विभाग को हस्तांतरित हुए ये बांध करीब 300 हेक्टेयर क्षेत्रफल तक फैले हैं, लेकिन इनकी सुरक्षा और रखरखाव के इंतजाम अब तक नहीं हो सके हैं
जयपुर। प्रदेश के 3 हजार 236 छोटे बांध और तालाब इस मानसून में खतरे की जद में हैं। पंचायतों से जल संसाधन विभाग को हस्तांतरित हुए ये बांध करीब 300 हेक्टेयर क्षेत्रफल तक फैले हैं, लेकिन इनकी सुरक्षा और रखरखाव के इंतजाम अब तक नहीं हो सके हैं। WRD को जिम्मेदारी मिलने के बाद 23 अप्रैल को एक परिपत्र जारी किया गया और 15 मई तक दोनों विभागों की संयुक्त टीमों ने निरीक्षण भी पूरा कर लिया।
इसके बावजूद अधिकांश बांधों की मरम्मत व संधारण नहीं हो सका है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इन बांधों के लिए अब तक बजट स्वीकृति भी नहीं मिल पाई है। ऐसे में बारिश के दौरान किसी भी अनहोनी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि इन बांधों से ग्रामीण इलाकों की जल आपूर्ति, सिंचाई और जल संरक्षण जुड़ा है। अब जब मानसून पूरे प्रदेश में सक्रिय है, बांधों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। जल संसाधन विभाग पर अब इन बांधों की जिम्मेदारी पूरी तरह से है, लेकिन संसाधन और बजट की कमी के चलते हालात "राम भरोसे" हैं।

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