आत्मरक्षा प्रशिक्षण से दो हजार से अधिक राजीविका की एसएचजी महिलाएं हुईं सशक्त
कार्यक्रम में एसएचजी की महिलाएँ और सुरक्षा सखियाँ शामिल हुईं
प्रशिक्षण में महिलाओं को रोजमर्रा की जिंदगी में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों जैसे अवांछित स्पर्श, और उत्पीड़न से बचाव के लिए आवश्यक तकनीकें सिखाई गईं
जयपुर। महिलाओं की सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “सशक्त नारी, जिम्मेदारी हमारी” अभियान के अंतर्गत राजस्थान पुलिस विभाग और राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) के संयुक्त सहयोग से एक दिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम जयपुर में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाएँ और सुरक्षा सखियाँ शामिल हुईं।
प्रशिक्षण में महिलाओं को रोजमर्रा की जिंदगी में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों जैसे अवांछित स्पर्श, और उत्पीड़न से बचाव के लिए आवश्यक तकनीकें सिखाई गईं। प्रशिक्षकों ने न केवल सैद्धांतिक जानकारी दी बल्कि व्यावहारिक अभ्यास भी कराया। कई प्रतिभागियों ने मंच पर आकर इन तकनीकों को आज़माया और आत्मरक्षा के महत्व को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया। प्रशिक्षण के दौरान जयपुर पुलिस द्वारा राजकॉप ऐप का परिचय कराया गया। इस ऐप को महिलाओं के लिए 24x7 सुरक्षा कवच के रूप में प्रस्तुत किया गया। मंच पर एक प्रतिभागी महिला को बुलाकर लाइव डेमो कराया गया, जिसमें “नीड हेल्प” बटन दबाते ही कुछ ही मिनटों में पुलिस सहायता केंद्र से कॉल रिस्पॉन्स प्राप्त हुआ। इस सफल प्रदर्शन ने उपस्थित महिलाओं में आत्मविश्वास जगाया और सभी प्रतिभागियों ने ऐप डाउनलोड किया। पुलिस विभाग के प्रतिनिधियों ने महिला एवं बाल संरक्षण से जुड़े कानूनों की जानकारी साझा की।
वक्ताओं ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा केवल कानूनी ढांचे तक सीमित नहीं है बल्कि सामुदायिक जागरूकता और महिला सशक्तिकरण से भी जुड़ी हुई है। कार्यक्रम ने स्पष्ट संदेश दिया कि महिलाएँ जागरूक हों, आत्मनिर्भर बनें और कानून तथा तकनीक दोनों का लाभ उठाएँ। इस अवसर पर जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त सुनीता मीणा एंव राजीविका की प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रीति सिंह समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे।

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