हंगर इंडेक्स और हैप्पिनेस इंडेक्स में भारत को नीचे दिखाना देश के शत्रुओं की चाल, डायलॉग में शत्रुबोध पर गूंजे विचार
लोकतंत्र की नई दिशा बताया
लुटियंस वर्सेस नेशनलिस्ट: हूज विनिंग सत्र में सुशांत सिन्हा, आनंद नरसिंहमन, प्रदीप भंडारी और हर्ष कुमार ने राष्ट्रवादी मीडिया के उभार को लोकतंत्र की नई दिशा बताया।
जयपुर। राष्ट्रवाद और शत्रुबोध पर आधारित जयपुर डायलॉग 2025 के दूसरे दिन शनिवार को देश के भीतर और बाहर से सक्रिय विरोधी नैरेटिव्स पर गहन मंथन हुआ। वक्ताओं ने कहा कि हंगर इंडेक्स और हैप्पिनेस इंडेक्स में भारत को नीचे दिखाना देश के शत्रुओं की सुनियोजित चाल है। इसका जवाब तर्क, दृष्टि और राष्टÑीय एकता से देना होगा। दूसरे दिन के सत्रों में फिल्म इंडस्ट्री में सनातन विरोधी नैरेटिव, दक्षिण एशिया की भू-राजनीतिक स्थिति, पाकिस्तान-चीन समीकरण और ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तृत चर्चा हुई। आनंदरंगनाथन, राजेश कुमार सिंह, शांतनु गुप्ता, विनोद कुमार, उदय माहुरकर, गर्वित भारद्वाज और अनुपम मिश्रा ने कहा कि भारत को कमजोर दिखाने वालों की साजिशें अब उजागर हो रही हैं। लुटियंस वर्सेस नेशनलिस्ट: हूज विनिंग सत्र में सुशांत सिन्हा, आनंद नरसिंहमन, प्रदीप भंडारी और हर्ष कुमार ने राष्ट्रवादी मीडिया के उभार को लोकतंत्र की नई दिशा बताया।
उन्होंने कहा कि बीते 11 वर्षों में भारत की छवि में ऐतिहासिक बदलाव आया है। लॉफेयर शत्रुबोध सत्र में अयोध्या केस के वकील विष्णु शंकर जैन, अश्विनी उपाध्याय, नाजिया इलाही खान और अजीत भारती ने न्यायपालिका की विसंगतियों और एक्टिविस्ट लॉयर्स की भूमिका पर खुलकर चर्चा की। सत्र का संचालन जयपुर डायलॉग के अध्यक्ष संजय दीक्षित ने किया। आई लव मोहम्मद वर्सेज बुलडोजर ओपन माइक सत्र में वक्ताओं ने धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा पर तीखे सवाल उठाते हुए कहा कि हिंदू देवताओं का अपमान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं हो सकता। उन्होंने बुलडोजर नीति को कानून व्यवस्था की दृढ़ता का प्रतीक बताया। अंतिम सत्रों में वक्ताओं ने आरक्षण, वक्फ बोर्ड और जज ट्रेनिंग जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी खुली चर्चा की। उनका कहना था कि भारत में समान अधिकारों की लड़ाई में संविधान सर्वोच्च है, लेकिन उसके समानांतर चलने वाले छद्म कानूनों पर रोक लगाना जरूरी है। रविवार को जयपुर डायलॉग 2025 का समापन सत्र आयोजित होगा।

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