8000 बेरोजगारों को रोजगार की राह दिखाएगा 'तरंग', आईआईजीजे जयपुर में स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू
ट्रेनिंग और प्लेसमेंट का पूरा प्लान
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ जेम्स एंड ज्वैलरी (IIGJ) में एक नई पहल 'तरंग' (Training Artisans for Rozgar and New Growth) का औपचारिक शुभारंभ हो गया है
जयपुर। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ जेम्स एंड ज्वैलरी (IIGJ) में एक नई पहल 'तरंग' (Training Artisans for Rozgar and New Growth) का औपचारिक शुभारंभ हो गया है। इस महत्वाकांक्षी स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत अगले दो सालों में 8,000 से ज्यादा बेरोजगार युवाओं, महिलाओं और वंचित वर्ग के लोगों को ज्वेलरी बनाने की ट्रेनिंग और नौकरी दी जाएगी।
इस पहल का मुख्य लक्ष्य ज्वेलरी उद्योग में कुशल कारीगरों की कमी को दूर करना है। 'तरंग' के पहले चरण में 78 प्रशिक्षार्थियों ने हिस्सा लिया है। यह कार्यक्रम 'कौशल भारत मिशन' के तहत चलाया जा रहा है।
ट्रेनिंग और प्लेसमेंट का पूरा प्लान
इस प्रोग्राम में 1.5 महीने की क्लासरूम ट्रेनिंग शामिल है, जो नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NSDC) से मान्यता प्राप्त है। इसके बाद, एक महीने की ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग होगी, जहाँ प्रशिक्षार्थी सीधे कंपनियों में काम करना सीखेंगे। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद, सभी प्रतिभागियों को तुरंत इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनियों में प्लेसमेंट दिया जाएगा।
उद्योग का मिला भरपूर समर्थन
इस पहल को उद्योग जगत से भरपूर समर्थन मिल रहा है। आईआईजीजे को अभी तक 2,000 से ज्यादा ट्रेनिंग अनुरोध मिल चुके हैं। जल्द ही, दूसरे चरण के लिए और भी प्रशिक्षार्थियों को जोड़ा जाएगा।
उद्घाटन समारोह में कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे, जिनमें योगेन्द्र गर्ग (क्षेत्रीय अध्यक्ष, GJEPC), सुधीर कोठारी (अध्यक्ष, IIGJ जयपुर), संजय काला (उपाध्यक्ष), अभय चोरडिया (क्षेत्रीय समिति सदस्य, GJEPC) और अन्य प्रमुख सदस्य शामिल थे।
'तरंग' पहल का उद्देश्य सिर्फ ट्रेनिंग देना ही नहीं, बल्कि सामुदायिक विकास और कुशल कार्यबल तैयार करके भारत के आर्थिक विकास में योगदान देना भी है।

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