एसएमएस मेडिकल कॉलेज में शुरू किया क्रमिक अनशन : चिकित्सा शिक्षा में लैटरल एंट्री का विरोध चिकित्सक शिक्षकों का आंदोलन
चिकित्सा शिक्षा में लेटरल एंट्री तत्काल समाप्त की जाए
सचिव डॉ. राजकुमार हर्षवाल ने कहा कि लेटरल एंट्री और असमान पात्रता मानदंड से विद्यार्थियों की शिक्षा और शोध संस्कृति पर गहरा असर पड़ेगा।
जयपुर। राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन ने चिकित्सा शिक्षा में लेटरल एंट्री का विरोध शुरू कर दिया है। सोमवार से एसएमएस अस्पताल परिसर में क्रमिक धरना शुरू किया गया है। इस दौरान बड़ी संख्या में संकाय सदस्यों ने भाग लिया और चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षकों के अधिकारों पर चिंता जताई। संघ के अध्यक्ष डॉ. धीरज जेफ ने कहा कि यह संघर्ष केवल चिकित्सक शिक्षकों के हितों का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता बचाने का है। यदि सरकार ने पारदर्शी और समान भर्ती प्रक्रिया लागू नहीं की तो एसोसिएशन को उग्र आंदोलन की राह अपनानी पड़ेगी। सचिव डॉ. राजकुमार हर्षवाल ने कहा कि लेटरल एंट्री और असमान पात्रता मानदंड से विद्यार्थियों की शिक्षा और शोध संस्कृति पर गहरा असर पड़ेगा।
ये हैं मुख्य मांगें
चिकित्सा शिक्षा में लेटरल एंट्री तत्काल समाप्त की जाए।
भर्ती केवल प्रवेश स्तर यानी असिस्टेंट प्रोफेसर स्तर पर हो।
भर्ती की एकमात्र एजेंसी राजस्थान लोक सेवा आयोग हो।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अनुसार समय पर डीएसीपी लागू किया जाए।
नियमित एवं पारदर्शी भर्ती नीति अपनाई जाए।
स्नातकोत्तर डिग्रीधारी डेमॉन्स्ट्रेटरों को सहायक आचार्य पद पर पदोन्नति मिले।
नियुक्ति या समायोजन समिति भंग की जाए।

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