पत्थर और प्रेशर संगठन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर : मकान बनाने पर आएगा संकट, सरकार को रोजाना 25 करोड़ के राजस्व का नुकसान
सरकार का रोजाना सीधा-सीधा 10 करोड़ का खनन राजस्व का नुकसान होगा
राजस्थान में स्मॉल माइंस चेजा पत्थर लीज होल्डर एसोसिएशन और राजस्थान स्टोर क्रेशर संगठन ने प्रदेश भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी है
जयपुर। राजस्थान में स्मॉल माइंस चेजा पत्थर लीज होल्डर एसोसिएशन और राजस्थान स्टोर क्रेशर संगठन ने प्रदेश भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी है। हड़ताल के चलते राजस्थान में आमजन को मकान बनाने सहित अन्य निर्माण के लिए चेजा और रोड़ी का संकट गहरा गया है। स्मॉल माइंस चेजा पत्थर लीज होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश कटरा और राजस्थान स्टोन क्रेशर संगठन के अध्यक्ष पवन शर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि खनन की मांगों को लेकर प्रदेश भर में 2200 से ज्यादा क्रेशर और 27000 से ज्यादा चेजा पत्थर के क्वारी लाइसेंस धारी खनन नहीं करेंगे।
उन्होंने बताया कि इससे राजस्थान में सरकार का रोजाना सीधा-सीधा 10 करोड़ का खनन राजस्व का नुकसान होगा। इसके अलावा अन्य नुकसान मिला लिए जाए तो सरकार को प्रतिदिन 25 करोड रुपए के रेवेन्यू का लॉस होगा। उन्होंने कहा कि संगठन की मांग है कि वह राजस्थान मिनरल रूल्स 2017 को व्यवहारिक बनाएं, पर्यावरण स्वीकृति का सरलीकरण करें , समान रॉयल्टी एवं ठेकेदारी प्रथा पर रोक लगाए, खनन एवं क्रेशर को उद्योग का दर्जा दे ,अवैध खनन की जिम्मेदारी से वैध खनन वालों को मुक्ति दिलाई जाए। उन्होंने कहा कि ड्रोन सर्वे के नियमों में भी संशोधन की आवश्यकता है।
ड्रोन सर्वे में खनन धारी के आसपास जितना भी अवैध खनन मिलेगा उसकी पेनल्टी खान धारी के माथे मंड देंगे , ऐसे में लाखों रुपए की पेनेल्टीयां खनन पट्टाधारी कहां से देगा । वह ड्रोन सर्वे के खिलाफ नहीं है लेकिन ड्रोन सर्वे को अब से लागू किया जाए। इसी तरह से चेजा पत्थर और कंक्रीट रोड़ी पर रॉयल्टी को 25% बढ़ाया गया है ,जो की अत्यधिक है इसे भी कम किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी मांगों का पूर्व में कई बार ज्ञापन दे दिया है, लेकिन बावजूद इसके अभी तक उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक रूप नजर नहीं आने के कारण वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए हैं । उनकी मांगे माने जाने तक वह हड़ताल जारी रखेंगे।

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