जयपुर में गमगीन माहौल में ताजिये हुए सुपुर्द-ए-खाक
ढोल-ताशों की मातमी धुनों के साथ निकाला जुलूस, देर रात तक सभी को ले गए कर्बला
शिया मुसलमान समाज के युवाओं ने सीना पीटकर हजरत इमाम हुसैन को याद किया।
जयपुर। पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में राज्य भर में मोहर्रम बहुत ही गमगीन माहौल में मनाया गया। दोपहर बाद से ही ढोल-ताशों की गमगीन आवाज में ताजियों को बड़ी चौपड़ पर लाना शुरू हो गया था। रविवार को यौमे आशुरा पर शहर के अलग-अलग मोहल्लों से करीब दो सौ से अधिक छोटे-बड़े ताजियों का जुलूस निकला और देर रात सभी ताजियों को कर्बला में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। चांदपोल बाजार स्थित तवायफों का ताजिया देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती रही। शिया मुसलमान समाज के युवाओं ने सीना पीटकर हजरत इमाम हुसैन को याद किया। शहर के विभिन्न इलाकों से ताजियों को इमामबाड़े से बाहर लाया गया था। युवाओं की टोलियां ढोल ताशे बजाते हुए ताजियों को कर्बला तक लेकर गई।
ताजियों के नीचे से निकलकर मन्नत मांगी
शहर में धर्मावलम्बियों ने ताजियों के नीचे से निकलकर मन्नतें मांगीं। मुस्लिम बहुल कॉलोनियों में शरबत और खाने की स्टाल भी लगाई गई। पुलिस ने परकोटे में दोपहर बाद भारी वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया था। घाटगेट से रामगंज में तीन बजे से वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया था।

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