विधानसभा में उठा जनता जल योजना में दोहरे मापदंडों का मामला, गांवों में पानी का हो सकता है संकट
वेतन नहीं मिलने से कार्मिक इन योजनाओं को भी बंद कर सकते हैं
साथ ही विभाग नए सिरे से इन योजनाओं के लिए नई भर्ती करें उनमें इन पंप चालकों को अनुभव के आधार पर छूट देते हुए स्थाई कर समाधान किया जाए।
जयपुर। ग्रामीण क्षेत्रों की जनता जल योजना में दोहरे मापदंडों का मामला विधानसभा में उठा। भाजपा विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने शून्यकाल में मामला उठाते हुए कहा कि जलदाय विभाग ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय जनता जल योजना में दोहरे मापदंड अपनाते हुए कुछ योजनाओं को अपने अधीन ले लिया, लेकिन ज्यादातर योजनाओं को शामिल नहीं किया। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में जनता जल योजनाओं के संचालन का काम संभाल रहे पंप चालकों सहित अन्य कार्मिकों में भारी रोष है।
अकेले जोधपुर जिले में करीब 700 योजनाएं हैं, जो जलदाय विभाग के अधीन नहीं है, इनमें 300 योजनाएं तो बंद हो चुकी है और 400 से अधिक योजनाएं चल रही है, लेकिन समय पर वेतन नहीं मिलने से कार्मिक इन योजनाओं को भी बंद कर सकते हैं। सरकार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जनता जल योजनाओं की सभी जिम्मेदारी जलदाय विभाग को दें, ताकि आने वाले समय में गांव में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित बनी रहे। साथ ही विभाग नए सिरे से इन योजनाओं के लिए नई भर्ती करें उनमें इन पंप चालकों को अनुभव के आधार पर छूट देते हुए स्थाई कर समाधान किया जाए।
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