गोविन्द देव जी मंदिर में नई दर्शन व्यवस्था, खाटूश्यामजी मंदिर, सालासर बालाजी और सांवलिया सेठ की तर्ज पर होंगे दर्शन
बनेगी स्थाई बैरिकेडिंग
गोविंद देव जी मंदिर में भी अब हर रविवार, एकादशी, कार्तिक माह और प्रमुख पर्वों पर खाटूश्यामजी मंदिर, सालासर बालाजी और सांवलिया सेठ की तर्ज पर दर्शन होंगे।
जयपुर। आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर में भी अब हर रविवार, एकादशी, कार्तिक माह और प्रमुख पर्वों पर खाटूश्यामजी मंदिर, सालासर बालाजी और सांवलिया सेठ की तर्ज पर दर्शन होंगे। यानी राधे-राधे जपते जाओ, दर्शन कर आगे बढ़ते जाओ। श्रद्धालुओं की बढ़ती भारी संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने पुलिस प्रशासन को अवगत करवाते हुए नई दर्शन व्यवस्था को अंतिम रूप दिया है। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जॉसफ ने गुरुवार को सुगम व्यवस्था के पोस्टर का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि माह में छह दिन नई दर्शन व्यवस्था से श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन होंगे। सभी भक्तों को इस व्यवस्था में सहयोग करना चाहिए। मंदिर में भारी भीड़ उमड़ने के कारण सुव्यवस्थित दर्शन कराने के लिए स्थाई रूप से दर्शन व्यवस्था में आंशिक बदलाव करना अब जरूरी हो गया है।
यह होगा आंशिक बदलाव :
जूते-चप्पल रहित श्रद्धालु मंदिर छावन से परिक्रमा करते हुए दर्शन कर सकेंगे और मुख्य निकास से बाहर निकलेंगे। जूते-चप्पल पहने हुए श्रद्धालु बाहरी रैंप से दर्शन कर उसी मार्ग से लौटेंगे। मंदिर छावन में किसी को बैठने, रुकने या फोटोग्राफ - वीडियो बनाने की अनुमति नहीं होगी। भीड़ नियंत्रण के लिए 50 से 60 अधिक स्वयंसेवकों, 20 सिक्योरिटी गार्ड तथा करीब 25 पुलिसकर्मी सेवाएं देंगे।
संकीर्तन अब सत्संग भवन में :
रविवार और एकादशी को अनेक भजन मंडलियां मंदिर में कीर्तन करने आती हैं। इसके लिए सत्संग भवन में स्थान निश्चित किया गया है।
बनेगी स्थाई बैरिकेडिंग :
मंदिर में उत्सवों पर अस्थाई बेरिकेडिंग बनाई जाती है। बाद में इसे हटा दिया जाता है। अब मंदिर प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए छायादार स्थाई बैरिकेडिंग बनवाने जा रहा है। इसमें दर्शनार्थियों के सुचारु संचालन के लिए दो कतारों में चलने की व्यवस्था होगी। इसके साथ पंखे, ध्वनि विस्तार यंत्र एवं एलईडी स्क्रीन भी लगाने की योजना है।

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