आरयू में विभागाध्यक्ष और सहायक प्रोफेसर के बीच चल रही खींचतान खुलकर सामने आई

व्यक्तिगत द्वेष के चलते विषय में जानबूझकर फेल कर दिया

आरयू में विभागाध्यक्ष और सहायक प्रोफेसर के बीच चल रही खींचतान खुलकर सामने आई

मेरे विषय में जो विद्यार्थी फेल हो गए थे, विभागाध्यक्ष ने उनको भड़का कर मेरे खिलाफ जातिवादी आरोप लगाकर शिकायत दर्ज करवा दी।

जयपुर। प्रदेश में शिक्षा के सबसे बड़े केन्द्र राजस्थान विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में एक सहायक प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष के बीच चल रही खींचतान खुलकर सामने आ गई। इसी बीच एक छात्र रोहित मीणा ने विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर कैलाश चंद सामोता पर जातिसूचक शब्दों के प्रयोग करने का आरोप लगाया है। विभाग में पिछले कुछ महीनों से विभागाध्यक्ष और सहायक प्रोफेसर के बीच खींचतान चल रही है।
 इसके चलते वहां छात्रों के भी दो गुट बन गए हैं। एक गुट से जुडे छात्रों ने दूसरे गुट के सहायक प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है। छात्र के अनुसार, यह घटना विभाग की कक्षा में सभी छात्रों के सामने घटी, जब उन्हें जाति के आधार पर अपमानित किया गया और जाति सूचक नामों से संबोधित किया गया। छात्र ने जब इस अपमान का विरोध किया तो प्रोफेसर ने उन्हें व्यक्तिगत द्वेष के चलते विषय में जानबूझकर फेल कर दिया। 

इसके साथ ही प्रोफेसर ने धमकाते हुए कहा कि तेरे बाप-दादा आ जाए तो भी तुझे पास नहीं करवा सकते है। इसके पश्चात रोहित मीणा ने लिखित शिकायत विभागाध्यक्ष को सौंपी। विभागाध्यक्ष ने उक्त शिकायत विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार को अग्रेषित कर दी। इस घटना को करीब एक माह का समय हो गया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस संबंध में डिप्टी रजिस्ट्रार ने कुछ भी बताने से इंकार करते हुए कहा कि वह इसके लिए अधिकृत नहीं है। 

इनका कहना है
मेरे विषय में जो विद्यार्थी फेल हो गए थे, विभागाध्यक्ष ने उनको भड़का कर मेरे खिलाफ जातिवादी आरोप लगाकर शिकायत दर्ज करवा दी। यह आरोप पूरी तरह असत्य और बेबुनियाद है। 
-सहायक प्रो. 
कैलाश चंद सामोता, असिस्टेंट प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान विभाग 

एक विद्यार्थी ने मुझसे मिलकर लिखित शिकायत प्रस्तुत की। मैंने उक्त शिकायत को अग्रीम कार्रवाई के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को प्रेषित कर दिया है।
-प्रो. श्याम मोहन अग्रवाल, विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग  

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