महात्मां गांधी अस्पताल में तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस एओगिन 2025 का शुभारंभ : सर्वाइकल कैंसर के मामले कम हो रहे, एचपीवी टीके और डीएनए टेस्ट से हो रही रोकथाम
सर्वाइकल कैंसर में 60 से 90 प्रतिशत तक कमी
आईसीएमआर के निदेशक डॉ. प्रशांत माथुर ने कहा कि बहुत अच्छा संकेत है कि राष्ट्रीय रजिस्ट्री आंकड़ों के अनुसार देश में सर्वाइकल कैंसर के मामले कम हो रहे हैं।
जयपुर। अनुमान के तौर पर इस समय दुनिया में हर साल 6.5 लाख से अधिक सर्वाइकल कैंसर के नए रोगी सामने आ रहे हैं। भारत में यह संख्या करीब 1.25 लाख है। अगर सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों के आंकड़े देखें तो पता चलेगा, कि दुनिया में हर साल 3.5 लाख मौतों के लिए सर्वाइकल कैंसर जिम्मेदार है। देश में यह संख्या 60 हजार के आस-पास है। यह जानकारी शनिवार को महात्मा गांधी अस्पताल जयपुर में आयोजित तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस एओगिन-2025 में मुख्य वक्ता और स्त्री कैंसर विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ. नीरजा बटाला ने दी। डॉ. बटाला ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए एचपीवी वैक्सीन को बहुत उपयोगी है। इससे सर्वाइकल कैंसर में 60 से 90 प्रतिशत तक कमी आ सकती है।
खास बात ये है कि यह वैक्सीन गले, मलद्वार और योनि के कैंसर में भी प्रभावी साबित हो रहा है। आईसीएमआर के निदेशक डॉ. प्रशांत माथुर ने कहा कि बहुत अच्छा संकेत है कि राष्ट्रीय रजिस्ट्री आंकड़ों के अनुसार देश में सर्वाइकल कैंसर के मामले कम हो रहे हैं। इस दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि 9 से 14 साल की उम्र में लड़के और लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन दी जाए, ताकि संक्रमण से पहले ही सुरक्षा मिल सके। कॉन्फ्रेंस में विश्व स्वास्थ्य परिषद के कैंसर बचाव विभाग के अध्यक्ष डॉ. पार्था बासु, महात्मा गांधी मेडिकल यूनिवर्सिटी के संस्थापक चेयरमैन डॉ. एमएल स्वर्णकार, आयोजन समिति अध्यक्ष और वरिष्ठ स्त्री कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. रानू पाटनी व आयोजन सचिव वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अंशु पटोदिया भी मौजूद रहे।

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