राजस्थान विश्वविद्यालय का तुगलकी फैसला वापस, बंद नहीं होंगे वाणिज्य के तीनों संकाय
आरयू ने एबीएसटी, ईएएफएम और बीएडीएम को मर्ज करने का लिया था फैसला
इसका शिक्षकों और छात्रों ने विरोध करते हुए कहा कि आज स्पेशलाइजेशन के दौर में विभागों को बंद करना शिक्षा और शोध का गला घोंटने के समान हैं।
जयपुर। आरयू ने वाणिज्य संकाय के तीनों विभागों को मर्ज करने के ‘तुगलकी’ फैसले को राजभवन के दखल के बाद वापस ले लिया है। आरयू ने स्पष्ट किया है कि वाणिज्य संकाय के तीनों विभाग एबीएसटी, ईएएफएम और बीएडीएम को बंद नहीं किए जाएंगे। कुलाधिपति एवं राज्यपाल ने आरयू से विभागों को बंद करने पर जवाब तलब किया था, इस पर विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव राजकुमार जैन ने राजभवन को भेजे पत्र में कहा है कि ‘विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय के विद्यमान तीनों विभागों को पृथक-पृथक विभागीय व्यवस्था ही प्रभावी है।
आरयू ने अपने जवाब में बताया कि वर्ष 1966 तक वाणिज्य संकाय में पीजी स्तर पर एक ही विभाग था, 21 जनवरी, 1967 को फैकल्टी ऑफ कॉमर्स की बैठक में तीन अलग-अलग विभाग बना दिए गए। लेकिन, पिछले साल 15 मई को हुई वाणिज्य संकाय की बैठक में तीनों संकाय को एक करने का प्रस्ताव पारित किया गया। वाणिज्य संकाय की बैठक के प्रस्ताव को अकादमिक परिषद और सिण्डीकेट ने भी पास कर दिया। इसका शिक्षकों और छात्रों ने विरोध करते हुए कहा कि आज स्पेशलाइजेशन के दौर में विभागों को बंद करना शिक्षा और शोध का गला घोंटने के समान हैं।
इनका कहना है...
वाणिज्य संकाय के तीन विभागों को मर्ज किया जा रहा है, सुनकर एक धक्का सा लगा था कि हम क्या करने जा रहे हैं? आज पूरी तरह बदला हुआ दौर है, हम मर्ज करने की तैयारी में जुटे हैं। आपने बताया कि मर्ज नहीं होगा तो अच्छा लगा, यह देरी से लिया हुआ सही फैसला है।’
-प्रो.नवीन माथुर, पूर्व प्राचार्य, कॉमर्स कॉलेज, जयपुर
छात्रों ने कुलाधिपति को शिकायतें दी
पोस्ट डॉक्टर फैलो डॉ.सज्जन कुमार सैनी सहित अन्य छात्रों ने इसकी शिकायत कुलाधिपति से की तो उन्होंने आयू से जवाब तलब किया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि विभाग बंद नहीं होंगे। सैनी ने नवज्योति को बताया कि कॉमर्स के तीनों विभागों को बंद करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण था।
विद्यार्थी परिषद ने किया था विरोध-
विद्यार्थी परिषद ने आरयू के इस फैसले का कड़ा विरोध करते हुए धरना-प्रदर्शन और कुलाधिपति को ज्ञापन दिए थे। छात्र नेता एवं कॉमर्स संकाय के विद्यार्थी मनु दाधीच ने बताया कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण फैसला रहा, छात्रों के दबाव और राजभवन के दखल के कारण इसे वापस लेना पड़ा। यह सच्चे अर्थों में शिक्षा और शोध की जीत है।
कॉलेज शिक्षा निदेशालय, आरएपीएससी में भी अलग-अलग विभाग
कॉलज शिक्षा निदेशालय और आरपीएससी में भी एबीएसटी, ईएएफएम और बीएडीएम अलग-अलग विभाग है। यदि मर्ज ही करना है तो राज्य सरकार का अधिकार क्षेत्र है।
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