सुमित व्यास के निर्देशन में नाटक पुराने चावल का मंचन : थिएटर समाज के लिए जरूरी- कुमुद
नाटक दो रिटायर्ड कॉमिक ऐक्टर्स के ईद-गिर्द घूमता है
शाम को रंगायन सभागार के मंच पर सुमित व्यास के निर्देशन में नाटक पुराने चावल ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया।
जयपुर। जेकेके में चल रहे नटराज महोत्सव के तीसरे दिन रविवार को हुए संवाद सत्र में अभिनेता कुमुद मिश्रा, शुभ्रज्योति बरत और गोपाल दत्त ने रंगकर्म के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखे। कुमुद मिश्रा ने कहा कि थिएटर समाज के लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि यह समाज को दिशा देता है और संवाद का सशक्त माध्यम भी है। गोपाल दत्त ने कहा कि थिएटर समाज में बदलाव का टूल है। आगे का रास्ता कलाकार को तय करना है। शुभ्रज्योति बरत ने कहा कि थिएटर अंतरात्मा की ध्वनि है।
एक्टर्स प्रोसेस सेशन में आदिल हुसैन ने रंगकर्मियों को अभिनय के गुर सिखाए। उन्होंने बताया कि अच्छे अभिनय के लिए कंसंट्रेशन, फोकस, अटेंशन और अवेयरनेस जरूरी है। शाम को रंगायन सभागार के मंच पर सुमित व्यास के निर्देशन में नाटक पुराने चावल ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। यह नाटक नील साइमन के नाटक द सनशाइन बॉयज का नाट्य रूपांतरण है। अभिनेता कुमुद मिश्रा, शुभ्रज्योति बरत और घनश्याम लालस के अभिनय ने प्रस्तुति को खास बनाया। नाटक दो रिटायर्ड कॉमिक ऐक्टर्स के ईद-गिर्द घूमता है। मंच पर उनके पुराने दिनों के अनुभव, जिंदगी के सबक हास्य से भरे अंदाज में देखने को मिलते हैं।

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